वाराणसी(काशीवार्ता)। केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश की गलियारों से होकर जाता है। यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल की सीटें खास महत्त्व रखती है। पूर्वांचल की सीटें सभी राजनैतिक पार्टियां वाराणसी से ही साधती हैं। वैसे देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के बाद वाराणसी की सीटें खास महत्त्व रखती हैं। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह पूर्वांचल की सियासी नब्ज भांपने के लिए दो दिवसीय दौरे पर 12 नवंबर को वाराणसी आ रहे। इनके साथ केंद्रीय मंत्री व यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी होंगे। गृहमंत्री के दो दिवसीय दौरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्या भी मौजूद रहेंगे। चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह का यह दो दिवसीय दौरा विधायकों का भविष्य तय करेगा। अमित शाह के दो दिवसीय काशी प्रवास का कार्यक्रम जबसे बना है, विधायकों की धुकधुकी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि बड़ा लालपुर में होने वाले करीब तीन घंटे की बैठक में अमित शाह खराब प्रदर्शन वाले विधायकों पर चर्चा कर सकते हैं। इसको लेकर सरकार और संगठन की थाह लेने पिछले दिनों दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने भी अपनी रिपोर्ट पार्टी को दी है। कयास लगाए जा रहे है कि अपनी विधानसभा में कम लोकप्रिय विधायक और पूर्व प्रत्याशियों की बजाय पार्टी नए चेहरों पर भी दांव लगा सकती है। पूर्वांचल के बदलते चुनावी समीकरण में भारतीय जनता पार्टी चुनावी चौसर को साधने में जुट गई है। पार्टी की ओर से भी विधानसभाओं में मौजूदा विधायकों के प्रति फीडबैक लिया गया है। उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सर्वे में प्रदेश के 150 सीटों पर प्रत्याशी बदलने की संभावना जताई गई है, जिसमें काशी क्षेत्र की 20 सीटों पर पार्टी को सर्वे में सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है। काशी दौरे पर आ रहे अमित शाह प्रदेश सरकार के मंत्रियों की भी बैठक लेंगे। 12 नवंबर को पार्टी की अलग-अलग कई बैठकों को संबोधित करने के अलावा 13 नवंबर को गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की ओर से हस्तकला संकुल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के गढ़ आजमगढ़ जाएंगे। यहां बड़ी रैली के जरिए चुनावी शंखनाद करेंगे। अमित शाह 13 नवंबर को भी काशी प्रवास कर सकते हैं।