विधायकों का रिपोर्ट कार्ड ही बनेगा टिकट का आधार


(संजय उपाध्याय)
वाराणसी(काशीवार्ता)। उप्र की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए भाजपा संगठन बेहद संजीदा है। इसीलिए तो वह प्रत्याशियों के चयन को लेकर अत्यंत ही सधे हुए कदम बढ़ा रहा है। टिकट का बंटवारा वह रसूख के आधार पर नहीं, बल्कि प्रत्याशी की लोकप्रियता के आधार पर करने को संकल्पित है। इस पर मंथन के लिए पार्टी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले पूर्व भाजपाध्यक्ष एवं वर्तमान में देश के गृहमंत्री अमित शाह 12 नवंबर को वाराणसी आ रहे हैं। श्री शाह बड़ा लालपुर स्थित टीएफसी में काशी क्षेत्र, जिला एवं महानगर पदाधिकारियों के साथ मंथन कर स्थानीय आठों विधानसभा सीटों पर जिताऊ प्रत्याशियों के नामों का फीडबैक लेंगे। सूत्रों की माने तो इन विधान सभा क्षेत्रों के सभी विधायकों को अपना-अपना रिपोर्ट कार्ड तैयार रखने को कहा गया है, जिन्हें श्री शाह के समक्ष पेश किया जायेगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा था कि कार्यकाल की समाप्ति पर वे अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत होंगे।तब से ही पार्टी में टिकट बंटवारे के दौरान लोकसभा से लेकर वार्ड स्तर तक के चुनाव में रिपोर्ट कार्ड देने की परंपरा चल पड़ी। उधर, संगठन द्वारा वर्तमान विधायकों को रिपोर्ट कार्ड तैयार करने का निर्देश मिलने पर इनकी धुकधुकी बनी हुई है। कारण यह है कि दक्षिणी, कैंट, शिवपुर समेत अन्य विधानसभा क्षेत्रों में केंद्र के भरोसे तो कई विकास कार्य हुए, परंतु स्थानीय स्तर पर कुछ खास नहीं हो सका। हालांकि इस आशय का रिपोर्ट कार्ड कुछ दिनों पूर्व संगठन द्वारा कराये गये गोपनीय सर्वे में मिल चुकी है।