UP के लिए कांग्रेस का महिला घोषणा पत्र जारी, नौकरी में महिलाओं को मिलेगा 40 फीसदी आरक्षण, हर जिले में खुलेंगे दक्षता


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने बुधवार को महिला घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि महिला घोषणा पत्र को हमने 6 हिस्सों में बांटा है। इसके जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस शक्ति विधान के जरिये कांग्रेस पार्टी प्रदेश की महिलाओं के लिए समानता, न्याय, स्वतंत्रता, गरिमा एवं आत्मसम्मान के प्रति एक अनूठा और दृढ़प्रतिज्ञ विकल्प पेश कर रही है। 

प्रियंका ने कहा कि महिलाएं अब अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं। इसलिए हमने महिला घोषणापत्र बनाया है। इसके छह हिस्से हैं: स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत।

घोषणा पत्र के अहम बिंदु:-

  • सरकारी नौकरी में महिलाओं को 40 फीसदी आरक्षण देंगे। हमने 20 लाख रोजगार में देने की घोषणा की थी उसमें से 8 लाख रोजगार महिलाओं को देंगे।
  • महिलाओं को 50 फीसदी नौकरी देने वाले व्यवसायों को कर में छूट और सहायता देंगे। महिलाओं द्वारा संचालित छोटे व्यवसायों के लिए सस्ता ऋण और टैक्स रिफंड हेतु फंड दिए जाएंगे।
  • कामकाजी महिलाओं के लिए 25 शहरों में सुरक्षिण और नवीनतम सुविधाओं वाले छात्रावास बनाए जाएंगे।
  • ग्रामीण और कुटिल क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा बहुओं के लिए 10 हजार रुपए का न्यूनतम मानदेय मिलेगा। 
  • सहायता समूहों को 4 फीसदी ब्याज पर ऋण, मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता और 40 फीसदी कार्यों में आरक्षण मिलेगा।
  • राज्य में राशन की 50 फीसदी दुकानों का प्रबंध और संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा।
  • 10+2 की हर लड़की को स्मार्टफोन दिया जाएगा। कोरोना के दौरान पढ़ाई के दौरान लड़कियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ स्नातक पास लड़कियों को स्कूटी दी जाएगी। 
  • राज्यभर में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय शुरू किए जाएंगे। यह हर एक जिले में बनेंगे। इसमें महिलाओं को दक्षता के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा राज्यभर में महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित संध्या विद्यालय भी होंगे। 

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कोरोना के कारण माध्यमिक स्तर की एक करोड़ छात्राओं ने शिक्षा छोड़ी है। साल 2014 के बाद से लगातार शिक्षा के बजट में कटौती हुई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का 60 फीसदी बजट सिर्फ विज्ञापनों पर खर्च किया गया है। इसीलिए मैं कहती हूं कि महिलाओं के सशक्तिकरण की बात सिर्फ विज्ञापनों तक की सीमित रह गई है।