कष्टों को दूर करने में सबसे बड़ा साधन है मानस


वाराणसी(काशीवार्ता)। सीताराम विवाह पंचमी के उपलक्ष में अगहन शुक्ल पक्ष पंचमी बुधaवार से संकट मोचन मंदिर में नवाह परायण श्रीरामचरितमानस पाठ का शुभारंभ किया गया। प्रात: काल अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास व संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने श्रीरामचरितमानस पोथी, आचार्य राघवेंद्र पांडे एवं 108 ब्राह्मणों का वेद मंत्रों के बीच पूजन अर्चन करके किया। इस अवसर पर प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि कलयुग में मानस मानव के कष्टों को दूर करने में सबसे बड़ा साधन है। जिस घर में मानस का पाठ होता है उसके बताए रास्ते पर चला जाता है उस घर में रामराज अवश्य आता है । कलयुग का आधार है मानस। इस अवसर पर जजमान प्रेमचंद मेहरा ने महंत विशंभर नाथ मिश्र का माल्यार्पण कर पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर रामयश मिश्र, स्वर्ण प्रसाद चतुवेर्दी, नरेंद्र त्रिपाठी, विश्वनाथ यादव सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।