नोज सिन्हा के स्वागत को लहुरीकाशी तैयार


मगाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले के तीन बार सांसद एक बार केंद्रीय मंत्री रहे जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के स्वागत को लहुरीकाशी पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान वह गुरूवार को बाबतपुर एयरपोर्ट से शाम को गाजीपुर के लिए सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ प्रस्थान करेंगे। उनका जगह जगह स्वागत भी किया जाएगा। इन काफिलों की भीड़ में वह चेहरे भी होंगे, जो जिले की विभिन्न विधानसभाओं में टिकट की लाइन में खड़े हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि उनके आगमन को लेकर जिले के कार्यकतार्ओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है।
2019 का लोकसभा चुनाव हारने के एक वर्ष बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ काविंद ने जम्मू एवं कश्मीर का उपराज्यपाल मनोनीत किया था। वह बीते दो वर्ष से जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल रहते हुए अच्छा काम किया। जिससे जिले का सिर गौरवांवित हुआ है। मनोज सिन्हा बीते एक वर्ष से जिले में नहीं आए थे। हां इतना जरूर रहा कि उनके पुत्र अभिनव सिन्हा अभी बीते 29 नवम्बर को स्व. कृष्णानंद राय के शहादत दिवस पर मुहम्मदाबाद पहुंचे थे। अब मनोज सिन्हा का प्रोटोकाल आने के बाद जिले के भाजपाइयों में खुशी की लहर दौड़ गई। वह अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान जहां सेहरमाडीह जाएंगे, वहीं वयेपुर देवकली में भी इंजीनियर संजीव कुमार गुप्ता के कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही 25 दिसंबर को सबरी महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में भी शामिल होंगे। इस दौरान अपने समर्थकों से भी मिलेंगे। मनोज सिन्हा का यह दौरा सियासी रूप से इसलिए भी खास हो गया है कि अगले वर्ष यूपी में विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने खास लोगों को टिकट दिलाया था। जिसमें मुहम्मदाबाद से अलका राय, जमानियां से सुनीता सिंह एवं सदर से संगीता बलवंत चुनाव में जीत दर्ज की थी।
जंगीपुर की सीट रामनरेश कुशवाहा हार गए थे। अब कुछ विधानसभाओं में नए चेहरे मनोज सिन्हा के आगे पीछे देखे जा रहे हैं। टिकट की चाह में जहूराबाद से लेकर सदर तक के संभावित प्रत्याशी एलजी के यहां गणेश परिक्रमा करते देखे जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो गाजीपुर की कुछ सीटों पर मनोज सिन्हा की पसंद एवं नापंसद का भी भाजपा ख्याल रख सकती है। वजह इसकी साफ है। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी उन्हें गाजीपुर से एक बार फिर मैदान में उतार सकती है। मनोज सिन्हा ने मंत्री रहते हुए 25 हजार करोड़ का विकास किया। सिटी रेलवे स्टेशन की मौजूदा दशा देखकर हर कोई चाहता है कि उनके जैसा ही प्रत्याशी को भाजपा मैदान में उतारे। जहां तक 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन की बात की जाए तो इस बार भाजपा पैरवी वाले प्रत्याशियों को अधिक महत्व देने के मूड में नहीं है। क्योंकि 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए करो या मरो का चुनाव होगा।