उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की ओर से रैलियों पर रोक लगाई गई है। इसी को लेकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने सवाल उठाए है। रामगोपाल यादव ने साफ तौर पर कहा कि अखिलेश यादव की रैलियों में जनसैलाब को देखकर सत्तारूढ़ भाजपा घबरा गई है और यही कारण है कि सरकार के अनुकूल ही व्यवस्था हो रही है। रामगोपाल यादव ने दावा किया कि मतदाता साइकिल पहचानता है और साइकिल पर ही बटन दबाएगा। आपको बता दें कि 15 जनवरी तक चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों को रैलियों, बाइक रैली, जनसभाओं को करने पर रोक लगा रखी है।
इसी को लेकर रामगोपाल यादव ने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में रामगोपाल यादव ने लिखा, ‘झंडा बैनर पोस्टर होर्डिंग कुछ नहीं लगा सकते,सभा नुक्कड़ सभा रोडशो रैली भी नहीं कर सकते। मीडिया विपक्ष को दिखा नहीं सकती तो क्या अखिलेश की जनसभाओं में उमड़ते जन सैलाब से घबड़ाकर सरकारी पार्टी के अनुकूल सब व्यवस्था की जारही है। मतदाता सायकिल पहचानता है। और सायकिल का बटन ही दबाएगा।’ इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा सरकार को विदाई देने के लिए तैयार हैं। चुनाव की तारीखें राज्य में एक बड़े बदलाव का प्रतीक होंगी। समाजवादी पार्टी नियमों का पालन करेगी, लेकिन चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्तारूढ़ दल इन दिशानिर्देशों का पालन करे।
EC ने किया तारीखों का ऐलान
चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान आगामी 15 जनवरी तक जनसभाओं, साइकिल एवं बाइक रैली और पदयात्राओं पर रोक लगा दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि 15 जनवरी के बाद स्थिति का जायजा लेने के उपरांत आयोग आगे का निर्णय लेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए सात चरणों में सीटों का समान रूप से वितरण किया गया है, राज्य के भौगोलिक क्षेत्र के संदर्भ में मतदान के चरण पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ेंगे।