कोरोना की चपेट में मंडलीय अस्पताल के सात चिकित्सक


वाराणसी(काशीवार्ता)। चुनावी सरगर्मी के बीच बढ़ता कोरोना संक्रमण अधिकारियों की चिंताएं भी बढ़ा रहा है वहीं आमजन की लापरवाही संक्रमण में इजाफा कर रही है। सड़कों और बाजारों में कोरोना की कोई दहशत नहीं दिख रही। लोग बिंदास घूमने से बाज नहीं आ रहे। संक्रमण का बढ़ता दायरा बता रहा है कि आने वाले दिनों में इसकी गिरफ्त से बचना मुश्किल होगा। अब इसकी चपेट में चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ भी आने लगे है। कोविड काल में मरीजों की सेवा में लगे मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा के प्रशासनिक अधिकारी समेत 7 चिकित्सक कोरोना की चपेट में आ गये है। सूत्रों की माने तो सभी सातों डाक्टर अपने आप को घरों में कोरनटाइन कर लिए हैं। चिकित्सक -पैरामेडिकल स्टाफ इसी तरह कोरोना संक्रमण की चपेट में आते रहे तो चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सकती है। ऐसे में जरूरत है कि अस्पताल आने वाले मरीजों व तीमारदारों, कर्मचारियों के बीच कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।
संक्रमण के लिए आने वाले दिन बेहद खतरनाक: मण्डलायुक्त
वाराणसी (काशीवार्ता)। कोविड को रोकने के लिए वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार है। जब तक शत-प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो जाता, तब तक कोविड पर नियंत्रण नहीं पा सकते। उक्त बातें आज मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान कमिश्नरी सभागार में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि शासन स्तर से 15 से 18 वर्ष के बच्चों का वैक्सीनेशन किए जाने का निर्णय लिया गया है।

इसके लिये 15 व 16 जनवरी को वैक्सीनेशन के लिए महाअभियान चलाया जाएगा। कहा कि जनपद में बच्चों का वैक्सीनेशन कराया जाना है। विद्यालयों, आईटीआई, कोचिंग संस्थान, इंजीनियरिंग एवं हायर एजुकेशन सहित ग्रामीण क्षेत्रों के 15 से 18 वर्ष आयु के बच्चों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों के सहयोग से सूची तैयार कर वैक्सीनेशन कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। स्पोर्ट्स क्लब के ऐसे बच्चे जो स्कूलों में इनरोल नहीं है, उनका भी वैक्सीनेशन कराया जाए। कहा कि 14 व 15 को डॉ संपूणार्नंद स्पोर्ट्स स्टेडियम व एलटी कॉलेज अर्दली बाजार में बृहद कैंप लगाया जायेगा। 5 से 6 दिन में बच्चों को शत-प्रतिशत वैक्सीन लगाये जाने का लक्ष्य है। कहा कि आने वाले डेढ़ माह का समय बहुत ही कठिन है। इस दौरान भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, मास्क लगाएं व सेनेटाइजर का प्रयोग करें। कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 1 से 2 प्रतिशत बच्चों में इसका असर दिखा था, जो अब बढ़कर 8 फीसदी हो गया है।