बसपा के 5 बार के विधायक रामवीर उपाध्याय ने थामा भाजपा का दामन, ब्राह्मण बहुत सीटों पर पड़ सकता है असर


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आयाराम-नयाराम की राजनीति जोरो पर चल रही है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को छोड़कर पांच बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। रामवीर उपाध्याय हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य हैं। आपको बता दें कि भाजपा के ब्रजक्षेत्र के अध्यक्ष रजनीकांत महेश्वरी ने रामवीर उपाध्याय को उनके आवास पर पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे और उनका पार्टी में स्वागत किया। दरअसल, रामवीर उपाध्याय लंबे समय से बसपा के निलंबित चल रहे थे। ऐसे में उन्होंने चुनावों से ठीक पहले पार्टी बदलने का निर्णय लिया। 

रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा और बेटे चिराग पहले से ही भाजपा में हैं और उनके पार्टी में शामिल हो जाने के बाद आगरा-अलीगढ़ मंडल के समीकरण बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि रामवीर उपाध्याय ब्राह्मण बहुत सीटों पर भाजपा के वोटबैंक को बढ़ाने का काम करेंगे। अस्वस्थ चल रहे रामवीर उपाध्‍याय ढाई दशक तक बसपा में रहे हैं। पेशे से वकील रामवीर उपाध्याय ने पहली बार साल 1996 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता था। जिसके बाद मायावती ने उनका कद बढ़ाते हुए साल 1997 में उन्हें अपनी सरकार में परिवहन और ऊर्जा मंत्री बनाया था।

बसपा-भाजपा गठबंधन की साल 1997 की कल्‍याण सिंह सरकार में भी रामवीर उपाध्याय को यही मंत्रीपद सौंपा गया था। इसके बाद लगातार वो विधानसभा पहुंचते रहे। साल 2002, 2007, 2012 और 2017 में विधानसभा के सदस्य रहे। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि रामवीर उपाध्याय का ब्राह्मण समाज में खासा प्रभाव हैं। ऐसे में जब राष्ट्रविरोधी ताकतें एकत्रित हो रही हैं तो उन्हें सबक सिखाने का रामवीर उपाध्याय ने फैसला किया।