वाराणसी (काशीवार्ता)। काशीधर्मपीठ रामेश्वर मठ में शनिवार को ब्रह्मलीन महंत स्वामी ब्रह्मविद्यानन्द तीर्थ की 50 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। काल 10:00 बजे काशी धर्म पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नारायणनंद तीर्थ महाराज, उनके उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी लखन स्वरूप ब्रह्मचारी, मुख्य अतिथि काशी विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी, प्रयागराज मठ के महंत स्वामी ओमानंद तीर्थ, अखिल भारतीय दंडी स्वामी प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्वामी विमल देव आश्रम, महंत स्वामी प्रकाश आश्रम ने संयुक्त रूप से ब्रह्मलीन महंत के चित्र पर माल्यार्पण कर वेद मंत्रों के साथ पूजन अर्चन किया। इसके पश्चात स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय के बटुकों द्वारा मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विद्वत गोष्ठी में स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि काशी में साक्षात भगवान शिव और मां अन्नपूर्णा विराजमान है। वह यहां पर रहने वाले सभी जीवों का कल्याण करते हैं । यहां पर सभी की मुक्ति होती है। गोष्ठी में सर्वसम्मति से ब्रह्मलीन महंत की स्मृति में मन्दिर स्थापना का प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से उपस्थित भक्तों ने स्वीकार करते हुए मंदिर निर्माण की नींव रखी और उपस्थित विद्वान जनों ने भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण का संकल्प लिया। स्वामी लखन स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि रामेश्वर मठ शंकराचार्य स्वामी नारायणानंद तीर्थ महाराज के सानिध्य में अनवरत वेद उपनिषद के प्रचार प्रसार में लगा है। मठ का यही ध्येय है कि पूरे विश्व में सनातन संस्कृति की ध्वज पताका लहराये। अतिथियों का स्वागत रामेश्वर मठ के प्रबंधक वरुणेश चंद्र दीक्षित ने किया। विद्वत गोष्ठी के पश्चात मठ में भव्य भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें दंडी सन्यासियों सहित हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर समाजसेवी रमेश मिश्र, श्यामधर तिवारी, रामसागर शुक्ल, नागेंद्र दुबे, राम मणि सारस्वत सहित सैकड़ों की संख्या में भक्त उपस्थित थे ।