वाराणसी(काशीवार्ता)। नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग जन शिकायतों के प्रति कितना जिम्मेदार है। इसका अंदाजा उसके द्वारा दीवारों पर लिखवाए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों के मोबाइल नंबर से ही पता चल जाता है। दीवारों पर पेंटिंग में कई नंबर गलत है, जिसको मिलाने पर कोई दूसरा व्यक्ति फोन उठाता है। बताया जाता है कि प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा के आदेश पर शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने और जनता को इन सेवाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वार्डों में दीवार पर पीली पेंटिंग कर उस पर वार्ड के स्वास्थ्य निरीक्षक, सुपरवाइजर एवं अवर अभियंता सहित अन्य लोगों के नाम लिखे गये हैं। शहर के अलग-अलग भागों में लिखवाए गए नाम तो सही है, लेकिन मोबाइल नंबर गलत पाए गए, इससे जनता हैरान और परेशान दोनों है। इसका एक छोटा सा उदाहरण लक्सा वार्ड के श्रीनगर कॉलोनी में देखने को मिला। यहां एक दीवार पर लिखा गया सेनेटरी इंस्पेक्टर का मोबाइल नंबर गलत के बावजूद दीवारों पर लिखे गए नंबरों की बिना होम वर्क किए ही फाइनल कर दिया गया इससे तो यही लगता है कि विभागों को उसके मंत्रियों का जरा भी भय नहीं है। इसी तरह शहर के अन्य वार्डों में भी दीवारों पर गलत नंबर अंकित किए गए हैं। प्रश्न ये उठता है कि जब शासनादेश के बाद जनता की सुविधा के लिए यह फोन नंबर दीवारों पर लिखे जा रहे हैं, जो ज्यादातर गलत हैं तो किसी भी आम नागरिक को इनकी सुविधा का एवं उनकी सेवा का लाभ कैसे प्राप्त हो सकता है। उसे बेवजह वार्ड में सफाई व्यवस्था की शिकायत करने के लिए इधर उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। निगम सूत्रों का यह भी कहना है कि ज्यादातर स्वास्थ्य निरीक्षकों ने अपने नंबर इसलिए गलत लिखवाये हैं ताकि लोग उन्हें तंग ना करें। वे शांति से सफाई चौकी पर बैठ कर अपने दूसरे कामों में लिप्त रह सके। इसमें सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह भी है कि निगम के किसी भी उच्चाधिकारी ने कभी भी मौके पर जाकर इन नंबरों की जांच करने की कोशिश नहीं की।