अतिक्रमणकारी हैं कि मानते नहीं


वाराणसी (काशीवार्ता)। सीएम योगी ने अतिक्रमण के चलते यातायात में बाधा और दुर्घटना के एक-एक बिंदू को स्पष्ट करते हुए निर्देशित किया था कि अधिकारी अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाएं। इस क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व पुलिस आयुक्त ए.सतीश गणेश ने सात टीमें गठित कर शहर को जाम से मुक्त कराने हेतु टीमों को काशी की सड़कों पर उतार दिया। टीम में शामिल पुलिस, नगर निगम के जोनल अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, परिवहन विभाग के अधिकारी, थानाध्यक्ष, क्षेत्रीय यातायात निरीक्षक आदि शामिल किये गए, जो इन दिनों अभियान चलाकर सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए पूरे अमले के साथ घूम रहे हैं। इस दौरान अतिक्रमण हटाने के साथ ही चेतावनी भी दी जा रही है कि दोबारा अतिक्रमण करने पर एफआईआर दर्ज होने के साथ ही जुर्माना भी वसूला जायेगा, परन्तु अतिक्रमणकारी हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं।
अतिक्रमण दस्ता के जाते ही फिर सज जाती है दुकानें
शुक्रवार को अतिक्रमण दस्ता जब पाण्डेयपुर से मानसिक चिकित्सालय होते हुए भोजूबीर मार्ग पर पहुंचा तो अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया। अभियान दल जहां-जहां गया, वहां से अतिक्रमणकारियों ने अपनी दुकाने हटा ली। विदित हो कि अर्दली बाजार स्थित महाबीर मंदिर के सामने अवैध दुकानों के चलते आये दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए अभियान दल ने दुकानों को हटा दिया। साथ ही चेतावनी भी दी कि दोबारा अतिक्रमण करने पर जुर्माना के साथ ही मुकदमा भी दर्ज होगा। पर इनकी हिम्मत तो देखिए अतिक्रमण दस्ते के जाते ही ये दुकानें फिर से सज गईं और एक बार फिर ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो गई। फिर सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। शाम होते ही इस मार्ग पर भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसी प्रकार महाबीर मंदिर से आगे एक अस्पताल के सामने दुकानदार से जुर्माना के रूप में भारी धन वसूलने की बात भी प्रकाश में आई। लेकिन मजे की बात है कि अतिक्रमण दस्ते के जाते ही पुन: उसने सड़क पर कब्जा कर लिया।