वाराणसी(काशीवार्ता)। कैंट थाना क्षेत्र के टकटकपुर, अनौला स्थित वाराणसी गैस गोदाम के आस-पास धड़ल्ले से अवैध गैस रिफलिंग का धंधा हो रहा है। खास बात यह है कि गैस रिफलिंग का धंधा सुबह 6 से 7 बजे के आसपास होता है। ट्राली चालक सुबह ही वाराणसी गैस गोदाम से भरा सिलेंडर लेकर अपने अस्थायी आवास पर जाते है और गैस की कालाबाजारी करके उपभोक्ताओ को देने के लिए निकल जाते है। स्थानीय लोगों के अनुसार गैस गोदाम से अनौला गाँव की तरफ जाने वाले रास्ते पर 150 मीटर की दूरी पर एक बेर के पेड़ का बगीचा है। इसी बगीचा के पास बने कुछ कमरों में बिहार निवासी वीरेन्द्र महतो और विकास महतो समेत कई अन्य व्यक्ति भी गैस रिफलिंग का धंधा कई वर्षों से कर रहें है। क्षेत्रीय लोगों ने यह भी बताया कि गैस रिफलिंग के अवैध धंधे से स्थानीय पुलिसकर्मियों और जिम्मेदार विभाग के कर्मचारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन गैस रिफलिंग का कार्य निरंतर जारी है। यही कारण है कि गैस उपभोक्ताओं से गैस की पूरी कीमत ली जा रही है और उसे प्रति सिलेंडर 2 से 3 किलों कम गैस देकर ट्राली चालकों द्वारा उपभोक्ताओं से चोरी की जा रही है। बताते चले कि गैस रिफलिंग होने वाले स्थान से महज कुछ दूरी पर ही वाराणसी इण्डेन गैस का गोदाम है। जहां से लगभग प्रतिदिन सैकड़ो गैस सिलेंडर की निकासी कर लगभग 80-90 ट्राली चालकों को दिया जाता है। सूत्रों की माने तो गैस रिफलिंग करने के लिए गैस गोदाम के आसपास के कई इलाके और कालोनियां इस मामले में बदनाम हो चुकी है। जहां दर्जनों की संख्या में किराए के मकान में रहकर बिहार निवासी ट्राली चालक यह धंधा वर्षो से स्थानीय पुलिस और जिम्मेदार विभाग के कुछ कर्मचारियों की सांठ गांठ से कर रहें है, जो दिन दुगना, रात चौगुना फल फूल रहा है। यदि समय रहते इस अवैध गैस रिफलिंग के धंधे को बंद कराकर आरोपियों को सलाखों के पीछे नहीं भेजा गया तो कोई भी हादसा हो सकता है। खास बात यह है कि इस अवैध धंधे का स्थान मुख्यालय से महज 5 सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। आखिर इस पर कार्रवाई क्यों नही हो रही है। वह भी लोग इशारो में समझ रहें है।