¦fवाराणसी(काशीवार्ता)। हेरिटेज इंस्टीट््यूट आॅफ मेडिकल साइंसेस भदवर में क्रिटिकॉन-2022 की शुरूआत हुई। ३ दिनों तक चलने वाले कांफ्रेंस में पहले दिन देश विदेश के करीब 400 चिकित्सकों ने कार्यशाला में हिस्सा लेकर गंभीर चिकित्सा पद्धति की नई तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल की। कार्यशाला में मैकेनिकल वेंटिलेशन तथा ए.बी.जी., होमोडायनिमिक मानिटरिंग तथा पोकस, नर्सिंग गम्भीर देखभाल एवं बी.सी. एल.एस./ एक्स्ट्राकॉपोरियल मेम्ब्रेन आक्सीकरण तथा कान्टीनियुस रिनल रिप्लेसमेंट थेरेपी के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। हीमोडायनमिक एण्ड पोकस वर्कशॉप के तहत कोर्स डाइरेक्टर अनिल कुमार वर्मा ने प्वाइंट आॅफ केयर अल्ट्रासाउण्ड (पोकस) जो कि आपातकालीन चिकित्सकों द्वारा आकस्मिक स्थिति में प्रयोग में लाया जाता है, के बारे में और शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त संचरण के बारे में सजीव प्रशिक्षण दिया। दूसरी ओर डॉ.पी.के.दास ने ईसीएमओ के बारे में बताया जो एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसका उपयोग जीवन के लिए खतरा दिल और फेफडों की विफलता वाले लोगों के इलाज के लिए किया जाता है। उन्होंने सीआरआरटी (कन्टीनुअस रीनल रिप्लेसमेंट थिरेपी) के बारे में मशीन पर सजीव प्रशिक्षण देते हुए बताया कि यह एक प्रकार की एडवांस डायलिसिस मशीन है जो रक्तचाप से पीड़ित गुर्दा रोगियों के लिए वरदान है। क्रिटिकॉन-2022 के आगेर्नाइजिंग सेव्रेष्ठटरी डॉ.बिक्रम गुप्ता ने बताया कि आज की वर्कशॉप काफी सफल रही। वर्कशॉप में प्रमुख रूप से डॉ.सईद मुईद अहमद, डॉ.प्रनय ओझा, डॉ.वेंकट गोयल, डॉ.दीप्तीमाला अग्रवाल, डॉ.आकाश राय, डॉ.रिचा राय, डॉ.एस.के.घोष, डॉ.शफात ईमाम सिद्दीकी, डॉ.वनिता मस्के, डॉ.पुष्कर रंजन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।