अनशनरत अविमुक्तेश्वरानंद ने साधा मौन, वजन भी घटा


वाराणसी(काशीवार्ता) । केदारघाट स्थित विद्यामठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का अनशन रविवार को दूसरे दिन भी जारी है। वह ज्ञानवापी परिसर में पूजा की मांग को लेकर शनिवार से अनशन पर बैठे हुए हैं। उन्होंने आज सुबह भी अन्न और जल नहीं ग्रहण किया। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्थर की संरचना (जिसके शिवलिंग होने का दावा उनके द्वारा किया जा रहा है) की तस्वीर की पूजा की। इसके बाद उन्होंने मौन रख लिया।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपनी मांग पर कायम हैं। आज ब्रह्मचारी हृदयानंद ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के स्वास्थ और शक्ति के लिए 1008 बार साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। भगवान द्वारा उन्हें शक्ति प्रदान करने के लिए आज शाम मठ में सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। फिलहाल श्रीविद्या मठ और उसके आसपास पुलिस फोर्स तैनात है। वाराणसी कमिश्नरेट के अफसरों ने पुलिस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अलर्ट रहने को कहा है।
श्रीविद्या मठ के गेट पर ही रोक दिए गए थे- ज्योतिष और द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बीते 2 जून को कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में हमारे आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग प्रकट हुआ है। इसलिए 4 जून को वह 71 बटुकों, संतों, पुजारियों और ब्रह्मचारी के साथ वह ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए शिवलिंग का दर्शन-पूजन करने जाएंगे। 4 जून की सुबह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती श्रीविद्या मठ से बाहर निकलने के लिए बढ़े तो भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया।
पुलिस की ओर से कहा गया कि आपको पहले ही बताया जा चुका है कि जहां आप पूजा करने जाना चाहते हैं वह स्थान अदालत के आदेश से सील है। लॉ एंड आॅर्डर को देखते हुए वहां किसी को पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पुलिस से नोकझोंक के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जब तक ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा शुरू नहीं होगी, वह अन्न और जल नहीं ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अनशन शुरू कर दिया।
स्वामी की याचिका पर कल होगी सुनवाई
प्रभारी जिला जज की अदालत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से यूपी सरकार, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य को पक्षकार बनाते हुए ज्ञानवापी स्थित आदि विश्वेश्वर के पूजा-पाठ के लिए अर्जेंट नेचर की याचिका शनिवार को दाखिल की गई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने अदालत में कहा कि याचिका में जो याचना की गई है वह अर्जेंट नेचर का है। आदि विश्वेश्वर के राग-भोग और पूजन-अर्चन को प्रतिवादियों द्वारा रोक दिया गया है। दीवानी की अदालत गर्मी की छुट्टी के कारण बंद है। ऐसे में यह याचिका इस आशय से दाखिल की गई है कि मामले को अर्जेंट नेचर यानी अति आवश्यक प्रकृति का मानकर सुनवाई के लिए आदेशित किया जाए। ताकि, भगवान आदि विश्वेश्वर का राग-भोग और पूजन-अर्चन हो सके। अदालत याचिका पर 6 जून को सुनवाई करेगी।