गेहूं की वैश्विक सियासत, तुर्की से लेकर इजरायल तक भारत के निर्यात ने बटोरी सुर्खियां


भारत को गेहूं उत्पादन का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है और वो इस मामले में दूसरे नंबर पर है। गेहूं की राजनीति के बड़े खिलाड़ी भारत को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश शुरू हो गई है। इसमें भारत के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश के संकेत तुर्की से मिले हैं। एक ओर जहां पूरी दुनिया में गेहूं की कमी को लेकर हाहाकार मचा है। तो वहीं दूसरी ओर एक चौंकाने वाली खबर आती है कि तुर्की ने भारत के 56 हजार टन से ज्यादा गेहूं को घटिया बताकर लौटा दिया। फिर मिस्त्र ने भी बिना किसी जांच के उसे खरीदने से मना कर दिया। हालांकि भारत का गेहूं अब इजरायल पहुंच चुका है। लेकिन इस पूरे वाक्य ने भारत के गेहूं के इमेज को खराब करने के बड़ी अंतरराष्ट्रिय साजिश के संकेत मिल रहे हैं।

तुर्की ने लौटाई 56,000 टन की खेप

29 मई को गेहूं की खेप लौटा दी है। तुर्की के अधिकारियों ने भारतीय गेहूं की खेप लेने से इनकार कर दिया। तुर्की का कहना है कि इन गेहूं में रुबेला वायरस है। जिसके बाद भारत ने उसी गेहूं की खेप को मिस्त्र भेज दिया। भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया था। इससे पहले ही भारत ने तुर्की के लिए गेहूं की 56,000 टन की खेप को मंजूरी दे दी थी। एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत के गेहूं मे रुबेला वायरस पाए जाने की वजह से इसे लौटा दिया गया था। तुर्की द्वारा गुणवत्ता की चिंताओं की वजह से भारतीय गेहूं की खेप को नहीं लेने की खबरों के बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि सरकार ने इस मसले पर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। उन्होंने कहा कि संबंधित निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60,000 टन की निर्यात खेप को सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त थीं। 

नीदरलैंड से तुर्की गया गेहूं

एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत के गेहूं मे रुबेला वायरस पाए जाने की वजह से इसे लौटा दिया गया था। तुर्की द्वारा गुणवत्ता की चिंताओं की वजह से भारतीय गेहूं की खेप को नहीं लेने की खबरों के बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि सरकार ने इस मसले पर तुर्की के अधिकारियों से विवरण मांगा है। उन्होंने कहा कि संबंधित निर्यातक आईटीसी लिमिटेड ने दावा किया है कि 60,000 टन की निर्यात खेप को सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त थीं। केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि और आपको जान कर हैरानी होगी कि ये माल नीदरलैंड ने आईटीसी से खरीदा था।

मिस्त्र में रोका गया गेहूं की खेप 

तुर्की द्वारा गेहूं की खेप लौटाए जाने के बाद भारत ने उसी गेहूं की खेप को मिस्त्र भेज दिया। रॉयटर्स ने मिस्र के प्लांट क्वारंटीन चीफ अहमद अल अत्तर के हवाले से खबर दी कि 55,000 टन गेहूं को लेकर आ रहे जहाज को मिस्र में प्रवेश करने से पहले ही मना कर दिया गया।

गेहूं पैदावार में कमी भी कारण

गेहूं के निर्यात पर रोक की बड़ी वजह पैदावार रही है। इस बार गेहूं की पैदावार में कमी का सबसे बड़ा कारण मौसम भी है। मार्च से ही हीटवेव चालू हो गया। जबकि गेहूं के लिए 30 डिग्री से ज्यादा टेम्परेचर नहीं होना चाहिए। मार्च में कई बार तापमान 40 डिग्री को पार कर गया। इससे गेहूं के दाने समय से पहले ही पक गए और हल्के भी हो गए। जिसक वजह से गेहू्ं की पैदावार 25 प्रतिशत तक कम गई।