प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार अगले 1.5 साल में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती करे। केंद्रीय मंत्रियों ने अगले 1.5 वर्षों में 10 लाख लोगों को ‘मिशन मोड’ पर भर्ती करने के पीएम मोदी के फैसले की सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट किया सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार द्वारा अगले 1.5 वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए। बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष की लगातार आलोचना के बीच सरकार का यह फैसला आया है। विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को अक्सर हरी झंडी दिखाई गई है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएम ने जिस प्रकार फैसला लिया है कि 10 लाख नौकरियां युवाओं को दी जाएगी, यह दर्शाता है कि भारत निर्माण में युवा शक्ति का बड़ा योगदान होगा। रही बात कांग्रेस की तो उन्हें ध्यान में नहीं आता कि किस प्रकार भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। नए काम, नई नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं। कांग्रेस नारेबाजी के जगह जिन राज्य में रह गई है वहां पर ही अच्छी सरकार दे दे तो बड़ा योगदान होगा। वहीं उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हम पीएम मोदी जी के निर्णय का स्वागत करते हैं और उन्होंने जिस प्रकार से सभी जन उपयोगी योजनाओं को ज़मीन पर उतारा है इससे ही केंद्र सरकार के ऊपर जनता का विश्वास बढ़ा है। मैं इसके लिए पीएम मोदी जी को हृदय से बधाई देता हूं। केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकर ने पीएमओ की तरफ से नौकरी के एलान पर ट्वीट करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा मे एक और कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने समय के साथ सरकार को अधिक जिम्मेदार बनाया और सरकार का ध्यान अब लोगों पर केन्द्रित हो गया है।
भारत की शहरी बेरोजगारी दर 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गई, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही में यह 9.3 प्रतिशत थी। हालाँकि, यह कोविड महामारी की पहली लहर के दौरान देखे गए 20.8 प्रतिशत के स्तर से कम हो गया, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से पता चलता है।