वाराणसी(काशीवार्ता)। काशी की सड़कों पर पतंग की चायनीज डोर अब तक ना जाने कितने राहगीरों की जान ले चुकी है कितने बुरी तरह जख्मी होकर अस्पताल में पहुंच चुके हैं ये शायद पुलिस के रिकॉर्ड में न दर्ज हो पर एक चीज जरूर दर्ज होती है वह है इस प्रतिबंधित मांझा को बेचने वालों की माल सहित गिरफ्तारी यह महकमे की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाती है।इतनी सख्ती व धरपकड़ के बाद चायनीज मांझा ‘मिलीभगत’ की परेती पर काफी दूर तक ढीली जा रही है जो लगातार बेकसूर लोगों के जीवन की डोर कांटने पर आमादा है। बताते चले कि रविवार को ऐसी ही एक दर्दनाक घटना लोगों में आक्रोश का कारण बन रही है। बताते चले कि नगर उद्योग व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष एवं नगर निगम के नामित पार्षद जितेंद्र लालवानी लहरतारा के पास चाइनीज मंझे से बुरी तरह घायल हो गए। आनन फानन में उन्हें सुंदरपुर स्थित निजी हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। परिजनों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही का यह नतीजा है कि ऐसी घटना लगातार हो रही है।
आॅफ सीजन में भी खूब फलफूल रहा धंधा
आॅफ सीजन में चायनीज मांझा का कारोबार दालमंडी, औरंगाबाद लक्सा, चौक आदि क्षेत्रों में खूब फलफूल रहा है। सूत्रों की माने तो इस समय पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं रहता, जिस कारण उनको अवैध काम को अंजाम देने में आसानी होती है। माल आसानी से गोदाम तक पहुंच जाता है। अभी पतंगबाजी का सीजन भी नहीं है तो यह हाल है। सीजन आने पर किस राहगीर की गर्दन यह मांझा रेतेगा कहा नहीं जा सकता।