फिर एक महिला मरीज की मौत, हड़कंप


वाराणसी (काशीवार्ता)। पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती मनोरोगियों की मौत का सिलसिला जारी है। बुधवार की सुबह एक और महिला मरीज की मौत हो गई। इस तरह से बीते एक हफ्ते में पांच मरीजों की जान जा चुकी है। इसके अलावा एक बंदी यहां की सुरक्षा व्यवस्था को धता देकर भाग चुका है। साथ ही, एक बंदी कर्मचारियों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो चुका है। यह घटनाएं इतना बताने के लिए पर्याप्त हैं कि वाराणसी का मानसिक चिकित्सालय दुर्व्यवस्थाओं का शिकार है और यहां के कर्मचारियों की कार्यशैली गंभीर सवालों के कठघरे में है।
मानसिक चिकित्सालय में भर्ती महिला कहां की रहने वाली थी और उसका क्या नाम था, इस संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।


बताया जा रहा है कि महिला को वाराणसी के सीजेएम के आदेश से भर्ती किया गया था। मंगलवार की रात महिला की तबीयत खराब हुई तो अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मौजूद था और उसे किसी अन्य अस्पताल के लिए भी रेफर नहीं किया गया। उचित उपचार के अभाव में महिला की मौत हो गई। वहीं, चिकित्सालय की निदेशिका लिली श्रीवास्तव का कहना है कि पहली नजर में यह प्रतीत हो रहा है कि गर्मी के कारण मरीजों की मौत हो रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी तो स्पष्ट होगा कि मौत की वजह क्या थी।
कल दो मरीजों की हुई थी मौत- मानसिक चिकित्सालय में भर्ती सारनाथ क्षेत्र की श्रेया (34) की मंगलवार को मौत हो गई थी। श्रेया की मौत की सूचना मिलने पर उसके परिजनों ने मानसिक अस्पताल की निदेशक डॉ. लिली श्रीवास्तव और इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था। इसके कुछ देर बाद आजमगढ़ से आए एक अन्य मरीज की मौत हो गई थी। उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी। मानसिक स्थिति सही न होने के कारण वह अपना नाम और पता नहीं बता पाया था। उसे आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश से भर्ती कराया गया था।
9-10 जून को हुई थी दो बंदियों की मौत- मानसिक चिकित्सालय में भर्ती बांदा जिले का कैदी हरिशंकर बीती 8 जून को सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भाग गया था। इसके बाद अस्पताल कर्मियों द्वारा एक बंदी की पिटाई की गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 9 जून को बांदा से आए हुए बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी। इसके एक ही दिन बाद बस्ती जिले के प्राइवेट मरीज दिलीप मिश्रा की मौत हो गई थी।
जांच टीम को मिली थी खामियां- मानसिक चिकित्सालय में मरीजों की मौतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मंगलवार को एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ की जांच समिति गठित की थी। दोनों अधिकारी जांच करने पहुंचे तो उन्हें अस्पताल में तमाम खामियां मिली थीं। दोनों अफसरों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल में मिली खामियों के संबंध में अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है।
जांच टीम पुन: पहुंची मानसिक चिकित्सालय-मानसिक अस्पताल में आज प्रात: फिर एक महिला की मौत से जिला प्रशासन व मानसिक अस्पताल में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा द्वारा बनाई गई जांच टीम के दोनों अधिकारी लगभग 12 बजे पुन: जांच हेतु मानसिक चिकित्सालय पहुंच गए। इसके अलावा सीएमओ कार्यालय से चिकित्सकीय स्टॉफ, मलेरिया की टीम पहुंची। मलेरिया की टीम ने महिला व पुरुष वार्डों में दवाओं का छिड़काव किया। उधर जिला प्रशासन के निर्देश पर पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों व पैरामेडिकल की टीम मानसिक अस्पताल पहुंची और एक-एक मरीजों की जांच की।
डीएम ने वित्तीय जांच का दिया आदेश
मानसिक चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की तथा इलाज की गुणवत्ता की जांच हेतु एडीएम प्रोटोकॉल व सीएमओ की जांच समिति ने मंगलवार को जांच में अस्पताल प्रशासन की कई लापरवाही उजागर हुई है। जिस पर रात को निदेशक को पत्र जारी करके 24 घंटे में कई बिंदुओं का अनुपालन कराने के निर्देश दिए गए थे। आज उसी के क्रम में सभी इनडोर मरीजों की विस्तृत जांच भी चिकित्सकों की टीम के द्वारा होनी थी जो शुरू करा दी गई है। कई अस्पताल के चिकित्सकों को वार्ड वार जांच हेतु नामित करते हुए सभी की शुगर, रक्तचाप, ईसीजी व अन्य जांच कराई जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि यदि आवश्यकता होगी तो गुरुवार को भी जांच का कार्य चलेगा। जिलाधिकारी ने अस्पताल की आय व्यय व संसाधनों का उपयोग हेतु वित्तीय जांच हेतु अलग से मुख्य कोषाधिकारी की अध्यक्षता में 3 सदस्य जांच समिति गठित की है। वित्तीय जांच की प्रक्रिया आज से ही शुरू की जाएगी।