न्यूयॉर्क। अमेरिका में कोरोना वायरस के केंद्र के तौर पर उभरी विश्व की आर्थिक राजधानी न्यूयॉर्क सिटी कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर एशियाई मूल के अमेरिकियों के साथ हो रहे भेदभाव एवं उत्पीड़न के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए एक नयी प्रतिक्रिया टीम का गठन कर रही है। शहर में 14,000 से अधिक लोगों की घातक वायरस के चलते मौत हो गई और करीब 2,00,000 लोग संक्रमण की चपेट में हैं।
न्यूयॉर्क सिटी मानवाधिकार आयोग ने प्रकोप से जुड़ी उत्पीड़न एवं भेदभाव की घटनाओं से निपटने के लिए कोविड-19 प्रतिक्रिया दल के गठन की घोषणा की है। फरवरी से एजेंसी को कोविड-19 से संबंधित उत्पीड़न एवं भेदभाव की 248 शिकायतें मिली हैं। इनमें से 40 प्रतिशत से अधिक (105) मामले एशियाई मूल के लोगों के साथ हुए उत्पीड़न से जुड़े हैं।
तुलनात्मक रूप से देखें तो 2019 में इसी अवधि के दौरान आयोग को एशियाई लोगों के उत्पीड़न की महज पांच शिकायतें मिली थी।प्रतिक्रिया टीम में कानून प्रवर्तन ब्यूरो और सामुदायिक संबंध ब्यूरो के स्टाफ होंगे जो समन्वय में काम कर वैश्विक महामारी से संबंधित भेदभाव एवं उत्पीड़न की तेजी से बढ़ती घटनाओं का प्रभावी ढंग से पता लगाएंगे और त्वरित प्रतिक्रिया देंगे।
आयोग की प्रमुख एवं आयुक्त कैरमेलिन मलालिस ने कहा, इस अभूतपूर्व संकट के समय में, न्यूयॉर्क सिटी मानवाधिकार आयोग, हमारे शहर में कोविड-19 प्रकोप से संबंधित उत्पीड़न, पक्षपात एवं भेदभाव के मामलों की जांच करने और प्रतिक्रिया देने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रतिक्रिया दल आवासन, सार्वजनिक निवास स्थानों और रोजगार में नस्ल, मूल राष्ट्र, अपंगता और आय के कानूनी स्रोत के आधार पर किए जा रहे भेदभाव की सक्रियता से जांच कर रहा है।
मलालिस ने कहा, न्यूयॉर्क के सभी वासी इस वक्त अत्यधिक तनाव का सामना कर रहे हैं। उनके बीच भेदभाव एवं उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। वैश्विक महामारी के बीच भी, मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।