शहबाजकुली व महराजगंज क्रासिंग पर ओवरब्रिज की सांसद ने उठायी मांग


गाजीपुर (काशीवार्ता)। वर्ष 2019 के लोकसभा के चुनाव में केद्रीय मंत्री रहे मनोज सिन्हा के बीस हजार करोड़ के विकास को हराकर सांसद बने अफजाल अंसारी के कदम अब विकास की डगर पर बढ़े लगे हैं। यही कारण है कि अब उन्होंने ऐसी मांग रख दी कि भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त बैठक में हाथ मलते रह गए। जी हां! कुछ ऐसा ही वाक्या पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल की संसदीय समिति की बैठक में हुआ। जब अफजाल अंसारी ने रेलवे के महाप्रबंधक के सामने कहा कि गाजीपुर जनपद की शहबाजकुली और महाराजगंज ऐसी रेलवे क्रासिंग है जहां पर ओवरब्रिज नहीं होने से अक्सर जाम लग जाता है। यहां पर ओवरब्रिज बनने से ऐसी दुश्वारियां काफी हद तक कम होंगी। इसके साथ ही यहां के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर प्रमुख ट्रेनों का ठहराव भी जरूरी है। जिले के विकास को लेकर सांसद की हो रही आलोचना में इस कदम के बाद कमी आएगी। अंसारियों पर ईडी और बुल्डोजर की कार्रवाई की गूंज अगस्त महीने में खूब सुनाई दी। ईडी की तलाशीनामा ने बसपा सांसद अफजाल को एक तरह से सियासी रूप से तेज कर दिया है। उनके हर बयान में सियासत से जुड़े राज छुपे हुए हैं। हर बयान में जुल्मों सितम और भाजपा की गलत नीतियां अफजाल के पांव को पिछड़ों की सियासत में हीरो बनाकर ठहर जा रही हैं। जब उन्होंने 2019 में बसपा प्रत्याशी के रूप में विकास पुरूष को हराया था, तब अफजाल ने बीएसएनएल और रेलवे में हुई गड़बड़ियों को मुद्दा बनाया था। हालांकि उनके चुनाव जीतने के बाद पुलिस की नजरें टेढ़ी हुई और जुल्मों सितम की नई कहानी शुरू हो गई। उनके खास और परिवार की करीब चार सौ करोड़ की संपत्तियों को जब्त किया गया। कई भवन गिराए गए। फिर भी अफजाल की सियासत ने ऊफ तक नहीं किया। विधानसभा चुनाव आए तो अफजाल भले ही बीमार हो गए, मगर उनके दोनों भतीजे अंसारियों के वारिश के रूप में विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए। इसके बाद फिर कार्रवाई हुई। इधर ईडी की कार्रवाई और भाजपा की सोच को अफजाल जनता के बीच ले जा रहे हैं। वह ईडी की कार्रवाई की एक एक जानकारियां शेयर कर रहे हैं। सांसद नाव हादसे में हताहत हुए लोगों से भी मिले। बाढ़ की त्रास्दी भी देखी और उनके आंसू भी पोछे।