वाराणसी(काशीवार्ता)। पर्यटन क्षेत्र न सिर्फ आर्थिक विकास को तेजी प्रदान करता है बल्कि लोगों के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है। ऐसे में भारत अपनी विविधता, संस्कृति तथा विरासत की बदौलत इससे काफी लाभान्वित हो सकता है। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन अनुभाग, कला इतिहास विभाग, कला संकाय, द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में प्रकट उद्गारों का यही सार निकल कर सामने आया। मुख्य अतिथि महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी. के. शर्मा ने कहा कि कोबिड महामारी ने भले ही सभी क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला हो, लेकिन इस काल में अनेक अवसर भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डिजिटल प्रौद्योगिकी का जिस स्तर पर प्रयोग हुआ वह अभूतपूर्व है। विशिष्ट अतिथि प्रो. अरुण कुमार सिंह, कुलसचिव, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, ने कहा कि विश्व हाल ही में एक भयावह महामारी के दौर से गुजरा है तथा इसका प्रभाव अभी भी बाकी है। वर्तमान स्थिति में पर्यटन पर पुनर्मंथन का संगोष्ठी का विषय अत्यंत प्रासंगिक व महत्वपूर्ण है। अंतर्विश्वविद्यालय शिक्षक शिक्षा केन्द्र के निदेशक प्रो. पी. एन. सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में वाराणसी में आने वाले पर्यटकों की संख्या में शानदार वृद्धि देखने को मिली है। लेकिन अब इसका प्रभावी व कुशल प्रबंधन बड़ी चुनौती है। कला संकाय के प्रमुख प्रो. वी. बी. सिंह ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे अपने आस पास गौर करें और ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां पर्यटन की संभावनाएं अच्छी हैं और उन्हें पर्यटक स्थलों की ओर विकसित करने की दिशा में प्रयास करें। पर्यटन तथा आतिथ्य प्रबंधन पाठ्यक्रमों के समन्वयक प्रो. ओ. एन. सिंह ने स्वागत संबोधन प्रेषित किया। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने सभी अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कोविड19 के कारण भले ही बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हों, लेकिन हमारे सामने तमाम अवसर हैं और हमें उनका लाभ लेने से कोई वंचित नहीं कर सकता। आयोजन सचिव डॉ. प्रवेश राना ने कार्यक्रम का संचालन किया। पर्यटन अनुभाग में सहायक आचार्य डॉ. शैजू पी जे ने धन्यवाद भाषण प्रेषित किया।
पर्यटन उद्योग में निवेश को उद्यमी आतुर
वाराणसी(काशीवार्ता)। विश्व पर्यटन दिवस पर नदेसर स्थित होटल ताज में इंडीयन इंडस्ट्रीज ऐसोसिऐशन व टुरिजम वेलफेयर ऐसोसिऐशन द्वारा संयुक्त रूप से पूर्वांचल में वैश्विक पर्यटन के समग्र विकास की सम्भावनाएं विषयक संगोष्ठी आयोजित की गयी । कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि विश्वभूषण मिश्रा अपर आयुक्त, वाराणसी व आइआइए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के. चौधरी सहित अन्य अतिथियों ने किया। संगोष्ठी में टुरिजम कैलेंडर ओफ वाराणसी का अनावरण सभी अतिथियों ने किया । संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ उद्यमी व आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने कहाँ कि उत्तर प्रदेश को एवं ट्रिल्यन इकॉनमी बनाने में पर्यटन की अहम भूमिका होगी। संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने कहां कि सहायक निदेशक भारत पर्यटन अमित गुप्ता ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय इंक्रेडिबल इंडिया की ब्रांडिंग के तहत वाराणसी व आसपास का पूरा प्रचार प्रसार विश्व के अलग अलग देशों मे कर रहा है जिसका असर काशी में विदेशी पर्यटकों की संख्या पर पड़ेगा । अतिथियों का स्वागत करते हुए टीडबल्यूए के अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि पर्यटकों के बढ़ते आगमन को देखते हम सभी क्वालिटी सर्विस पर भी ध्यान दे रहे है । रिंग रोड के पास बड़े होटल्स बने और होम स्टे में 5-6 रूम की सीमा को बढ़ाकर 9-10 रूम्स तक बढ़ायी जाए । आईआईए के राष्ट्रीय सचिव राजेश भाटिया ने बताया कि काशी में बढ़ रहे पर्यटन उद्योग से यहाँ के उद्यमियों में उत्साह है एवं सभी उद्यमी पर्यटन उद्योग में अधिक से अधिक निवेश करना चाहते है। मण्डल सचिव नीरज पारिख ने धार्मिक पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि विश्वनाथ धाम अयोध्या धाम व माँ विंधवसिनी धाम को जोड़ते हुए देश का सबसे आकर्षित धार्मिक सर्किट बन सकता है। टुरिजम एक्स्पर्ट उत्कर्ष बक्शी ने ग्रामीण पर्यटन पर सुझाव रखें । सभा में पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश पर्यटन पॉलिसी की सुविधाओं पर उद्यमियों को जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीपक बजाज, ओपी बदलनी , प्रेम मिश्रा ,प्रदीप सिंह , गोकुल शर्मा , अभय सहाय, सतीश सिंह, यूआर सिंह, पंकज अग्रवाल, गौरव गुप्ता, मुकुल दुबे , अश्विनी सिंह , सौरभ पांडेय, राजकुमार शर्मा, प्रशांत अग्रवाल, मनीष कटारिया, गौरव गुप्ता, दयाशंकर मिश्रा, प्रशांत गुप्ता, रतन कुमार सिंह, सुनील अग्रवाल, सुरेन्द्र सोनी, राजेश पिपलानी, राकेश अनुज डीडवानिया सहित बड़ी संख्या में उद्यमी सम्मिलित हुए ।