सोनभद (काशीवार्ता)। श्री सर्वेश्वरी समूह की चुर्क शाखा 9 अक्तूबर को अपना 8वां नि:शुल्क चिकित्सा शिविर नगवां ब्लाक के ग्राम चिचलिक (चिचली पनौरा) में आयोजित कर रही है। चिकित्सा शिविर में प्रदेश के कई जाने माने चिकित्सक रोगियों की चिकित्सा करने के लिए उपलब्ध होंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए समूह की केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य व विजयगढ़ के राजा चंद्रविक्रम शाह ने बताया कि चिकित्सा शिविर में वरिष्ठ दंत रोग चिकित्सक डॉ. एसपी सिंह, बाल रोग चिकित्सक डॉ. यूपी सिंह व डॉ. हरिशंकर सिंह, स्त्री रोग चिकित्सक डॉ.मंजू सिंह, डॉ. कमला मिश्रा, डॉ. पद्मा मिश्रा, ह्रदय रोग चिकित्सक डॉ. रंजन नारायण एवं जनरल फिजीशियन डॉ. सुधीर सिंह के अलावा होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ. अनिल एवं डॉ. आशीष मौजूद होंगे । मालूम हो कि समूह शाखा ने वर्ष 2013 में चिकित्सा शिविर की शुरूआत की थी। शाखा द्वारा अब तक 21 हजार से अधिक रोगियों की चिकित्सा की जा चुकी है। इस दौरान सोनभद्र जिले के चतरा और नगवां ब्लाक में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर के अलावा नि:शुल्क चश्मा, साड़ी और मच्छरदानी वितरण का काम भी किया गया है। बात दें कि वाराणसी के पड़ाव स्थित अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम की ओर से श्री सर्वेश्वरी समूह के 19 सूत्री कार्यक्रम के तहत ही समूह की चुर्क शाखा नि:शुल्क चिकित्सा शिविर सहित अन्य जनकल्याण के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। उल्लेखनीय है कि श्री सर्वेश्वरी समूह के द्वारा कोविड की पाबंदियों के बावजूद जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक 43612 विभिन्न रोगों यथा कुष्ठ, नेत्र, मिरगी, गठिया इत्यादि तमाम जटिल रोगों की चिकित्सा की गई। जबकि, कोविड से पहले प्रतिवर्ष लाखों में रोगियों की चिकित्सा होती रही है।
एक वर्ष में श्री सर्वेश्वरी समूह द्वारा किये गए कार्य
संस्था द्वारा जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक 43612 विभिन्न रोगों यथा कुष्ठ, नेत्र, मिरगी, गठिया इत्यादि तमाम जटिल रोगों की चिकित्सा की गई। कड़ाके की ठण्ड से राहत हेतु जरुरतमंदों के बीच 4779 कम्बल तथा हजारों की संख्या में शाल व गर्म वस्त्र का वितरण किया गया। अनेक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार गर्मी के दिनों में प्याऊ के माध्यम से शीतल जल तथा शर्बत का वितरण किया गया। सर्वधर्म समन्वय व स्वच्छता की प्रेरणा के उद्देश्य से सभी धर्मों के देवालयों में झाड़ू, अगरबत्ती इत्यादि प्रदान किया गया। गांवों में अमल-चैन व शांति के उद्देश्य से उपेक्षित पड़े देवालयों की साफ-सफाई व पूजा अर्चना की गई। राष्ट्रीयता व सदाचारयुक्त जीवन जीने की प्रेरणा हेतु अघोर साहित्य का वितरण व जन-जागरण यात्रा तथा विचार-गोष्ठियों का आयोजन किया गया। कुष्ठ आश्रमों, अनाथालयों, चिकित्सालयों तथा आदिवासी ग्रामीणों के बीच फल, बिस्कुट, ब्रेड, दूध इत्यादि वितरित किया गया। अस्पतालों में मरीजों को ताड़ के पंखे वितरित किये गए। कुछ शाखाओं द्वारा विभिन्न आपदाओं में भोजन, वस्त्र व अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। संस्था द्वारा आडम्बर रहित अनेकों विवाह संपन्न कराये गए। इसी प्रकार अनेक मृतकों के अंतिम संस्कार भी सम्पन्न कराने में सहयोग किया गया।