सदन छोड़कर पैदल ही निकल gayi महापौर मृदुला जायसवाल 


डा.के.के.शर्मा
वाराणसी(काशीवार्ता)। भाजपा की महिला महापौर स्व. सरोज सिंह के बाद दूसरी महिला महापौर के रूप में श्रीमति मृदुला जयसवाल का कार्यकाल निगम के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। कई उतार-चढ़ाव के बीच शुरू से अंत तक यह कार्यकाल संघर्ष में ही बीता। दूसरे अच्छे और ईमानदार अधिकारियों की कमी ने भी शहर के विकास कार्यों को काफी हद तक प्रभावित किया। यह बात अलग है कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली भाजपा की वर्तमान महापौर ने अपनी मजबूत संकल्प शक्ति के बल पर संघर्षो के कई दौर को पार किया। इनका कार्यकाल 6 जनवरी 2023 को पूर्ण होगा। वैसे उन्होंने 12 दिसंबर 2017 को सिगरा स्थित शहीद पार्क में शपथ ग्रहण किया था। अपने शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने अपने स्वसुर व बनारस के सांसद रहे स्वर्गीय शंकर प्रसाद जायसवाल को नमन करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सपने स्वच्छ काशी सुंदर काशी को साकार करने का आश्वासन दिया था। यह बात अलग है कि अपने आश्वासन को वे अपने लगभग पूरे कार्यकाल में पूरा नहीं कर सकी।
मृदुला जायसवाल के कार्यकाल में सदन की सिर्फ 30 और कार्यकारणी की 29 बैठक ही हो सकी। इसमें 6 जनवरी 2018 को सांस्कृतिक शंकुल चौकाघाट में शुरू हंगामे दार बैठक का समापन 24 सितंबर 2021 को टाउनहॉल स्थित मिनी सदन में उसी हंगामे के साथ संपन्न हुआ। इसके बाद विगत सवा साल से मिनी सदन की कोई बैठक नहीं हुई। यह शहर का दुर्भाग्य कहिए या लोक तंत्र का मजाक, नवनिर्वाचित पार्षदों ने सदन की प्रथम बैठक में ही इतना जमकर बवाल काटा कि महापौर को पुलिस संरक्षण में चौकाघाट से लहुराबीर तक पैदल जाना पड़ा। सदन में शोक प्रस्ताव पर चर्चा सहित कुछ अन्य कारणों से नाराज पार्षदों ने जब सदन नही चलने दी तब महापौर मंच से नीचे उतर कर गाड़ी में बैठने लगी, तभी वहां पहुंचे उपद्रवी उनसे धक्का मुक्की करने लगे। इसपर वह पैदल ही अपने घर की ओर चल पड़ी। हालांकि इस घटना ने तूल पकड़ा और 6 सभासदों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। 
21 कूड़ा घरों को बनाया सेल्फी प्वाइंट
काशीवार्ता से अनौपचारिक बातचीत में महापौर ने कहा, उनके कार्यकाल मे नगर निगम को 3 बार गंगा टाउन सिटी का पुरस्कार व वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर भी 3 पुरस्कार प्राप्त हुए, इसके अलावा 2021 में राष्ट्रपति द्वारा नगर निगम अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने कहा, कोरोना काल के ढाई साल के समय में जिन अधिकारियों ने बचाव कार्यों में अपना योगदान दिया, उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जाना हमारे लिए बड़ी बात है। नगर निगम में शामिल 150 ग्रामीण क्षेत्रों में 2 साल से पेंडिंग विकास कार्यों को 15वें वित्त आयोग के धन से 50% तक करवाया गया। अपने कार्यकाल की खास उपलंब्धि की चर्चा करते हुए महापौर ने कहा, 3 करोड़ की लागत से उन्होंने अति आधुनिक कूड़ा घर बनवाए है। इस कार्यकाल की खास बातों में 21 कूड़ा घरों को सेल्फी प्वाइंट बनाना भी शामिल है।
जब मेयर पढ़ने लगी पार्षदों का शपथ पत्र
शहीद पार्क में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में महापौर का संकल्प था कि वह संस्कृत में अपना शपथ पत्र पढ़ेंगी, लेकिन नगर निगम कर्मचारियों की लापरवाही से उन्हें जो शपथ पत्र दिया गया वह सभासदों का था।जैसे ही महापौर ने उसे पढना शुरू किया, सभा में हलचल मच गई। इस पर वहां मौजूद मंडलायुक्त उठकर बैठक से बाहर चले गए। हालांकि अधिकारियों की सूझबूझ से इस गलती को तत्काल सुधारा गया और महापौर ने पुन: अपना पत्र संस्कृत में पढ़ा। 
नगर आयुक्त के आवास जा पहुंची महापौर
नगर निगम के इतिहास में यह भी पहली बार ही हुआ कि कोई महापौर नगर आयुक्त के आवास पर जा पहुँचा हो। जी हां, मृदुला जायसवाल ने यह कर दिया। इसके पीछे दो चचार्ओं ने निगम गलियारों में काफी जोर पकड़ा था। एक यह कि महापौर, नगर आयुक्त द्वारा विकास कार्यों की अनदेखी से नाराज थी। दूसरी महापौर कार्यालय की यह दलील थी कि वह बीमार नगर आयुक्त का हालचाल लेने उनके आवास पर गई थी। सच क्या था यह तो कोई नहीं जानता। पर यह बात अलग है कि उस दौरान नगर आयुक्त अपने बंगले पर नहीं थे।