विद्युत फिक्स चार्ज माफी सहित अनेक सुविधाओं की घोषणा शीघ्र


(शशिधर इस्सर)
वाराणसी(काशीवार्ता)। कोरोना महामारी आर्थिक और स्वास्थ्य का तृतीय विश्व युद्ध है। जिससे भारत सहित समस्त देश संघर्षरत हैं। हमारी सरकार व हमारी जनता मिलकर अपने-अपने तरीके से संघर्षरत है। प्रदेश व केंद्र सरकार भी अनुदान व अन्यान्य तरीकों से इससे उबरने के विकल्प तलाश रही है और योजनाओं की घोषणाएं कर रही है। लॉकडाउन -4 शुरू होने जा रहा है लेकिन तमाम छूटों के साथ हमें स्मरण रखना होगा जान है तो जहान है। ‘काशीवार्ता’ को दिए विशेष साक्षात्कार में प्रदेश के लोकप्रिय स्टांप पंजीयन शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल से पूछा गया कि वाराणसी में लगभग 550 छोटे-बड़े होटल हैं। प्रत्यक्ष रूप से इसमें 2.5 लाख व्यक्ति कार्यरत हैं जिनमें टूरिस्ट गाइड से लगायत छोटे दुकानदार शामिल हैं। यह कारोबार 5000 करोड़ रुपए सालाना है जो 3 माह से ठप है। फिर भी विविध प्रकार के कर या शुल्क देने पड़ते हैं। विद्युत का फिक्स चार्ज व कर्मचारियों का वेतन लाखों में है, कमाई धेले की नहीं है। भविष्य की 1500 करोड़ रुपए की बुकिंग रद्द हो गई। यहां देश-विदेश सहित धार्मिक पर्यटन भी है लेकिन इस क्षेत्र के लिए राहत की घोषणा नहीं हुई। इसी प्रकार पावर लूम बंद है। प्रति उत्तर में श्री जायसवाल ने होटल सहित अन्य उद्योगों का विद्युत फिक्स चार्ज माफ करने का स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि लखनऊ में मंगलवार को आहूत उच्चस्तरीय गठित समिति में और भी निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात बताई कि जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वह चर्च, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों के संचालक धर्माचार्यों से विचार-विमर्श कर लें कि भक्तगण समाजिक दूरी रखते हुए किस प्रकार दर्शन-पूजन कर सकेंगे, इसके पश्चात ही इस बारे में निर्णय होगा। राज्यमंत्री ने कहा हम सब जो सेवा कर रहे हैं, यह नर नारायण सेवा ही तो है। देश भी धार्मिक स्थलों का ही प्रतीक है। वहीं ईश्वर, अल्लाह व गॉड है। रविंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन कि हमें स्वदेशी उत्पाद बनाने चाहिए, इसी का प्रयोग कर देश का स्वाभिमान बढ़ाना है। इस पर हम सब को चलना है और इसी के अनुरूप स्थानीय स्तर पर उत्पादन और संबंधित सामाजिक दूरी रखते हुए रोजगार करना ही है।