गुनाहों से तौबा का बेहतरीन महीना है माहे रमजान


वाराणसी/भदोही (काशीवार्ता)। वाराणसी के औरंगाबाद स्थित खुद्दामे हज समिति के जिला अध्यक्ष एचएमए संस के डायरेक्टर मोहम्मद साजिद खान के आवास पर रविवार को तरावीह की नमाज मुकम्मल हुई जिसमें मौलाना सफी ने तकरीर करते हुए कहा कि चांद की तस्दीक शहर के काजी ही कर सकते हैं और जब तक सही जानकारी या तस्दीक ना करें तो बात नहीं मानी जा सकती। उन्होंने मुकद्दस रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि कुरान जब सुने तो बहुत ही खामोशी के साथ सुने, कुरान सुनने के वक्त इधर-उधर की बातों पर ध्यान ना दें। कुरान हमारी मुकम्मल किताब है। हम जब तक कुरान के बताए रास्ते पर चलेंगे हमें कोई झुका नहीं सकता। कुरान शरीफ पढ़ने के साथ ही समझने की भी जरूरत है। कुरान पर पूरी दुनिया में शोध हो रहा है और साइंस के लोग भी कुरान की बातों को सही बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्लाह ताला ने हमें अपने नबी करीम सल्ल, की उम्मत में पैदा किया और हमें कुरान दिया, ईमान दिया। बुजुर्गों की निस्बत दी और हमें सही राह पर चलने की कूवत दी है। उन्होंने कहा कि हमारे शहर के काजी हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती गुलाम यासीन साहब की दुआएं हम सबको नसीब है। उनके साए में आज सुन्नियत का बोलबाला है।गौसे पाक और ख्वाजा का करम सरकारे आला हजरत की फैज हमारे करम फरमा मोहम्मद साजिद खान व उनके सभी भाइयों व परिवार पर है कि उन्होंने हर साल अपने दौलत खाने पर तरावीह के नमाज के लिए एहतेमाम किया है। इस मौके पर मौलाना जमील अहमद, मोहम्मद रजा, मोहम्मद हसन,हम्माद रजा, शकील अहमद ,जावेद खान, शाहिद खान, मोहम्मद साजिद,हाजी शादाब, मोहम्मद इरफान, आसिफ खान, मोहम्मद आरिफ ने हाफिज तैयब को तरावीह मुकम्मल करने पर फूल माला से इस्तकबाल किया और नजराना ए अकीदत पेश कर मुल्क की तरक्की, अमन- शांति के लिए दरख्वास्त की। वही भदोही के मदरसा शमसिया तेगिया के प्रिंसिपल मौ. फैसल हुसैन अशर्फी का कहना है था कि माहे रमजान गुनाहों से तौबा करना और अपनी इबादत से अल्लाह को राजी करने का बेहतरीन महीना है। कहा कि इस महीने में रखे गए रोजे और इबादतों का सभी को भरपूर लाभ मिलता है। इस बेशकीमती तोहफे को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। मौलाना कहते हैं कि रमजान में एक नेकी का 70 गुना सवाब भी मिलता है।हमे अपने आस पड़ोस भी देखना है जरुरतमंदो के चेहरे पर खुशी रहे। उनकी जरुरते भी पूरी करनी चाहिए।अल्लाह ने जिसे नवाजा है उसकी भी जिम्मेदारी है कि जकात की अदायगी करे ताकि जरुरतमंद की भी जरुरत पूरी हो।