वाराणसी (काशीवार्ता)। नगर निकाय चुनाव की सरगर्मी के साथ ही मेयर पद को लेकर लगभग सभी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। ऐसे में काशी की जनता के मन में यह प्रश्न कौंधना लाजमी है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से कौन होगा मेयर प्रत्याशी। क्या किसी ऐसे व्यक्ति को शहर का प्रथम व्यक्ति चुना जाए जो यहीं का हो या फिर…।
शहर में 1995 से मेयर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस शहर का दुर्भाग्य है कि जनता की नुमाइंदगी करने वाले उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। यदि स्वयं पीएम मोदी ने काशी के विकास पर अपनी पैनी दृष्टि न रखी होती तो इस पुरातन शहर में आज रहना दुश्वार हो जाता। लगातार 25 वर्षों से यहां भाजपा का मेयर है। बावजूद इसके विकास को जो पंख लगने चाहिए वो नहीं लग सके। जनता को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से उम्मीद है कि वे किसी ऐसे व्यक्ति का चयन करेंगे, जो जनता की कसौटी पर खरा उतरे। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व भाजपा की विचारधाराओं को आत्मसात करता हो। देखना होगा कि मेयर पद के लिए आवेदन करने वालो में ऐसे कितने लोग हैं जिनके लड़ने से भाजपा की लोकप्रियता में इजाफा हो सके। इसके लिए ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना होगा जिसे प्रशासनिक, विधिक ज्ञान के साथ ही समाज सेवा का अनुभव हो। सूत्रों की माने तो भाजपा से टिकट मांगने वालो की एक लंबी फेहरिश्त है। जो सूची भेजी गई है उसमें 100 से भी अधिक लोगो के नाम हैं। दरअसल, इस बार मेयर की सीट सामान्य है और पार्टी में इनकी संख्या बेशुमार है।
कांग्रेस लगा सकती है अनिल श्रीवास्तव पर दांव
वाराणसी(काशीवार्ता)। कांग्रेस इस बार मेयर के चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है। अभी तक भाजपा को टक्कर देने के मामले में सपा ही आगे रहती थी, लेकिन अबकि कांग्रेस एक मजबूत और कैंट विधानसभा में हमेशा से भाजपा को कड़ी चुनौती देने वाले अनिल श्रीवास्तव पर दांव लगा सकती है। इसमें दो राय नहीं कि श्रीवास्तव के मैदान में आ जाने से सपा और भाजपा दोनों के लिए लड़ाई आसान नहीं होगी। पिछले लगभग तीन दशकों से वाराणसी में मेयर की कुर्सी पर भगवा परचम ही लहरा रहा है। पार्षद भी कमोवेश इसी पार्टी के ज्यादा जीतकर आते हैं। कुल मिलाकर सदन में भाजपा का ही वर्चस्व रहता है। लेकिन इस बार सपा के साथ ही कांग्रेस भी भाजपा को घेरने कि रणनीति बना रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो अनिल श्रीवास्तव मेयर प्रत्याशी होंगे। वे कैंट विधानसभा में भाजपा को अरसे से कड़ी टक्कर देते आ रहे हैं। हालांकि वे जीत तो नहीं सके, किंतु भाजपा को चुनाव में नाच जरूर नचा देते हैं। अनिल श्रीवास्तव काशी हिंदू विश्व विद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके है। इसके अलावा लंबे समय से एआईसीसी के सदस्य भी हैं। वे पार्टी के जिलाध्यक्ष का पद संभाल चुके हैं। सबसे बड़ी बात अनिल श्रीवास्तव पार्टी के सभी खेमों में लोकप्रिय हैं। वे हमेशा लोगो के बीच रहने वाले और मतदाताओं की एक बड़ी संख्या पर अच्छी पकड़ रखते हैं।