वाराणसी(काशीवार्ता)। ठुमरी के सुरों में बागेश्वरी देवी एक बार फिर से जीवंत होंगी। पांच दिवसीय ठुमरी महोत्सव में गायन शैली ठुमरी की ठसक काशीवासियों को फिर से महसूस होगी। ठुमरी गायिका बागेश्वरी देवी की स्मृति में 22 साल बाद 21 अप्रैल से बागेश्वरी देवी ठुमरी महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इसमें संगीत के कई घरानों की जुटान होगी। दो दिन कार्यशाला में बच्चों को ठुमरी की विधा से परिचित भी कराया जाएगा। सोमवार को महोत्सव की आयोजिका डॉ. सोमा घोष ने महमूरगंज में पत्रकारों से बताया कि आयोजन में देश ही नहीं दुनिया भर के संगीत साधक गायन, वादन और नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे। ठुमरी शैली के लिए मशहूर पटियाला, बनारस और लखनऊ के अलावा आगरा व किराना घराना के कलाकार महोत्सव में प्रस्तुतियां देंगे।
संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से होने वाला आयोजन 21 और 22 अप्रैल को महमूरगंज स्थित रमन निवास, 23 अप्रैल को सनबीम लहरतारा में होगा। 24 और 25 अप्रैल को सनबीम स्कूल में आयोजित कार्यशाला में बच्चों को ठुमरी गायन शैली से परिचित कराया जाएगा।