ओबरा (सोनभद्र)। लगभग 11 हजार करोड़ की लागत से 1320 मेगावाट क्षमता ताप विद्युत की इकाई के कार्य में देरी से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के एमडी पी गुरू प्रसाद ने नाराजगी जतायी। उन्होने अधिकारियो व कोरिया की दुसान पावर सिस्टम इण्डिया लिमिटेड के अधिकारियो का हिदायत दिया कि किसी भी हाल में जून तक 660 मेगावाट क्षमता की पहली इकाई का कोल फायरिंग हो जाना चाहिये। विद्युत परियोजना के लेटलतीफी किसी भी हाल में बर्दाश्त नही किया जायेगा । परियोजना के वीआईपी गेस्ट हाउस मे पत्रकारो से बाते करते हुये उन्होंने कहा कि ओबरा तापीय परियोजना की 200 मेगावाट की पांचों इकाइयों के संचालन के लिए अब 2027 तक अनुमति ले ली गई है। पहले इन इकाइयों को 2022 में बंद किया जाना था। उन्होंने कहा कि पहली इकाई का रविवार को सिंक्रोनाइज कर 15 मेगावाट तक विद्युत उत्पादन किया गया था। जिसमें सभी तकनीकी पहलुओं की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि ओबरा सी परियोजना के कोयला संचालन संयंत्र के पूर्ण होने तक सड़क मार्ग से कोयला परिवहन कर इकाई का संचालन किया जाएगा।
ओबरा परियोजना चिकित्सालय में सुविधाओं की कमी के सवाल पर कहा कि जरूरी जांच मशीनों को उपलब्ध कराया जा रहा है और चिकित्सकों की कमी को भी जल्द दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने सीएसआर मद से कराये जा रहे कार्यों को लेकर परियोजना और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ली। इसके पूर्व उन्होंने ओबरा सी एवं ओबरा बी परियोजना का दौरा कर विभिन्न तकनीकी पहलुओं का निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान तकनीकी सलाहकार अजीत कुमार तिवारी, मुख्य अभियंता अशोक सक्सेना, मुख्य अभियंता आफताब अहमद, सीडीओ सौरभ गंगवार, ओबरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक ई.दीपक कुमार, महाप्रबंधक प्रशायान ई.जीके मिश्रा, महाप्रबंधक निर्माण ओबरा सी ई.पीसी अग्रवाल, उप महाप्रबंधक ई.एके राय, अधिशासी अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह आदि सहित ओबरा परियोजना के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।