वाराणसी(काशीवार्ता)। खेल एक दूसरे को आपस में जोड़ने का कार्य करता है, लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए इसे राजनीति का अखाड़ा बनाने पर तुले हैं। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष व सांसद के खिलाफ जिस तरह से कुछ खिलाड़ियों द्वारा प्रदर्शन कर उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं, वो सिर्फ फेडरेशन पर कब्जा करने की नियत से पूरी योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा हैं।
इसके पीछे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं जो अपने पुत्र की हार व फेडरेशन पर बेटे को कब्जा दिलाने के लिए इस तरह का घिनौना कुचक्र रच रहे हैं जिसमें खिलाड़ियों को मोहरा बना कर उन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है। उक्त बातें भारतीय कुश्ती संघ के संयुक्त सचिव व वाराणसी कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू व वाराणसी कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव सिंह रानू ने संयुक्त बयान में कही है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कुश्ती संघ द्वारा दो टूर्नामेंट आयोजित किये गए, दोनों नेशनल टूर्नामेंट संघ के अध्यक्ष के गोंडा स्थित नंदिनी नगर महाविद्यालय परिसर में ही हुए जिसमें हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों से सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट में 215 महिला एवं अंडर 17 टूर्नामेंट में 170 महिला पहलवानों ने भागीदारी की। कुल महिला व पुरुष पहलवानों की संख्या 2476 रही, जिसमें 70 प्रतिशत से ऊपर हरियाणा के पहलवान शामिल रहे। दोनों टूर्नामेंटों का सफल आयोजन व इतनी बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण देती है कि फेडरेशन के प्रति खिलाड़ियों के अंदर किसी प्रकार की दुर्भावना व भय का माहौल नहीं है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री व उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा लगातार साजिश रच निजी हित के लिए कुश्ती संघ को बदनाम करने पर तुले हैं। संयुक्त सचिव संजय सिंह बबलू ने स्पष्ट किया कि पूर्व में धरने पर बैठे खिलाड़ियों द्वारा जिन मांगों को रखा गया था उसे खेल मंत्रालय ने शत-प्रतिशत मान लिया था। मेरीकॉम जैसी नामी खिलाड़ी को जांच समिति का अध्यक्ष बनाया गया है उसके बाद भी दोबारा खिलाड़ियों द्वारा प्रदर्शन किया जाना इस बात का संकेत है कि ‘प्रदर्शन सिर्फ बहाना है, फेडरेशन पर कब्जा ही निशाना है’।