बेसहारों के लिए बना शेल्टर होम खुद बेसहारा


वाराणसी(काशीवार्ता)। प्रदेश शासन के निर्देश पर बेसहारा नागरिकों के लिए निगम द्वारा वार्डो में बनाए गए 12 शेल्टर होम आज की तारीख में खुद ही बेसहारा बन गए। वहीं निगम वहां की देखभाल के लिए नियुक्त 24 केयर टेकरो को प्रति माह 2.40 लाख रुपए वेतन मद में जारी कर रहा है। यह सब अधिकारियों की जानकारी में चल रहा है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर 12 स्थानों अलईपुर, गोलगड्डा, राजघाट, चौक वार्ड ,चौकी बेनिया, कोतवाली सफाई चौकी, टाउन हॉल, नेहरू मार्केट, लहरतारा, शिवदासपुर, घसियारी टोला, सामुदायिक भवन, पुराना माल गोदाम, परमानंदपुर, दूधिया पोखरी के पास सिकरौल भीम नगर में आश्रय स्थल बनाए गए थे। इन स्थानों पर गर्मी में बेसहारों के रुकने के लिए दरी, चांदनी, पंखा, टॉयलेट, चादर इत्यादि की व्यवस्था की जाती है। जाड़े में गद्दा, रजाई,कंबल, तकिया और ठंड बढ़ने पर अलाव की नियमित व्यवस्था की जाती है। इन सभी शेल्टर होम पर सुबह और रात्रि की ड्यूटी के लिए 2 कर्मचारी लगाए गए हैं। इनमें से प्रत्येक का वेतन 10000 है। पता चला है कि ज्यादातर शेल्टर होम में गंदे टॉयलेट, फटी दरी, गंदगी का साम्राज्य है। सबसे दुखद स्थिति यह है कि कई जगह ताले बंद नजर आते हैं। कई जगहों पर केयर टेकर को ढूंढना आसान नहीं होता। कंपनी बाग के उत्तरी छोर पर निगम की सफाई चौकी के बगल में बने शेल्टर होम का यह आलम है कि उसका केयर टेकर रात 10बजे के बाद मेन गेट और शेल्टर होम पर ताला बंद कर अपने घर चला जाता है, जिसकी चाबी शेल्टर होम के सामने स्थित दुकानदार के पास रहती है। सुबह आने पर वह ताली लेकर दरवाजा खोलता है। ऐसा ही हाल अन्य सेंटरों पर भी दिखाई देता है।