नौ करोड़ खर्च, दुकानदारों का अता-पता नहीं


वाराणसी (काशीवार्ता)। शहर को अतिक्रमण से मुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत नौ करोड़ रुपये खर्च करके कैंट स्टेशन के सामने ‘नाइट बाजार’ और हुकुलगंज में सांस्कृतिक संकुल के पास तीन दर्जन से अधिक दुकानें बनाई, जिनमें से आधे से ज्यादा दुकानें आज भी बन्द पड़ी हैं। जबकि सड़क व पटरी पर दुकानों के लगाने की पुरानी
व्यवस्था चालू है। जिसके चलते सड़कों पर जाम की समस्या बरकरार है।
गौरतलब है कि शहर के सुंदरीकरण के लिए विगत चार वर्ष पूर्व विभिन्न स्थानों पर रोड वेंडिंग योजना के अंतर्गत टीन की छोटी-छोटी गुमटियां बनाकर ठेले-खोमचे वालों को आवंटन की गई। इसमें विशेष रुप से कैंट स्टेशन के सामने यात्रियों के खान-पान की सुविधा के लिए ‘नाइट बाजार’ की स्थापना की गई। यहां पर आरओबी के नीचे डेढ़ सौ दुकानें बनाई गई। इसके अलावा हुकुलगंज व शिवपुर क्षेत्र में भी दुकानें बनाकर तैयार की गई। इनमें अधिकांश दुकानें आज भी बंद पड़ी हैं। दरअसल इनका आवंटन ही नहीं हो सका। कारण पूछने पर कई दुकानदारों ने आवंटन प्रक्रिया में धांधली की चर्चा की। वहीं दूसरी ओर जो दुकानें आवंटित की गई हैं उन्हें इतना सटाकर रखा गया है कि यदि दो व्यक्ति दुकान पर खड़े हो जायें तो बगल के दुकानदार की आधी दुकान ढक जायेगी। इसके चलते भी कोई दुकान लेने को तैयार नहीं हो रहा। ऐसे में करोड़ों खर्च कर बनी यह योजना दम तोड़ रही है और सड़कों पर ठेले व खोमचों के लगने का क्रम बदस्तूर जारी है। भला ऐसे यह शहर स्मार्ट कैसे बनेगा।