किसी की मदद करना अपना फर्ज समझती हैं डा. राजलक्ष्मी


वाराणसी (काशीवार्ता)। अस्तित्व में मौजूद हर वस्तु में ऊर्जा होती है। इंसान के भीतर भी ऊर्जा का असीम स्त्रोत है, लेकिन वह कभी यह विश्वास नहीं कर पाता है कि ऐसी अद्भुत और विलक्षण ऊर्जा उसके भीतर है। लेकिन समाज सेवा का संकल्प लिए डॉ.राजलक्ष्मी राय (शिम्पी) ने अपनी इस प्रतिभा को पहचान लिया और अपनी पूरी ऊर्जा इसमें झोंक दी है। डॉ.राजलक्ष्मी अपने दृढसंकल्प को लेकर वो कर रही हैं, जिसकी कल्पना भी किसी ने नही की होगी।वर्ष 2019 में समाज सेवा का वीणा उठाये जब वो सड़क पर निकलीं तो इसमें उनका पूरा साथ दिया उनकी सास ने। डॉ.राजलक्ष्मी ने काशीवार्ता से बताया उनका जन्म बिहार के बक्सर में हुआ और शिक्षा-दीक्षा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुई। गाजीपुर से एमए करने के बाद माता-पिता ने 2003 में बनारस में शादी कर दी। शादी के उपरांत घर के काम काज के पश्चात मैं अध्ययन करती थी। मेरे लगन को देख मेरे परिवार वालों ने मुझे पढ़ने हेतु प्रेरित किया और मैंने 2008 में एलएलबी किया। वर्ष 2009 में वाराणसी में प्रैक्टिस हेतु पंजीयन कराया। परन्तु बच्चों व परिवार की जिम्मेदारी के चलते वकालत नहीं कर सकी। बाद में मैंने मुजफ्फरपुर विश्वविद्यालय से होम्योपैथिक की पढ़ाई की।
चिकित्सक होने के बावजूद जिद्दी स्वभाव व समाज के लिए संघर्ष करने वाली प्रवित्ति के चलते इन्होंने 2019 में समाज सेवा का कार्य शुरू किया, जिसे चिकित्सकीय सुविधा की आवश्यकता होती वे उनकी मदद करती। शुरूआती दौर में कुछ परेशानियां जरूर उठानी पड़ी। लेकिन लेकिन धीरे-धीरे लोग मुझसे जुड़ते गए और एक कारवां बन गया। राजलक्ष्मी सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को आर्थिक मदद दिलाने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा, एक वर्ष बाद ही कोविड काल की शुरूआत हो गई। इस दौरान सैकड़ों लोगों को मैंने अस्पताल में बेड, आक्सीजन, दवा उपलब्ध कराने के साथ ही उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कराई।
डॉ.राजलक्ष्मी ने बताया, पटना के रहने वाले आलोक और नेहा ने अपने बेटे अनमय के इलाज के लिए पीएम मोदी व सीएम नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई। इसकी जानकारी मुझे हुई। नन्हे से बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन चाहिए था। फिर मैंने ठान लिया कि इस बच्चे की मदद करनी है और सोशल मीडिया के माध्यम से 12 लाख की आर्थिक मदद पहुंचाई। इसी प्रकार गाजीपुर जनपद की 3 वर्षीय बच्ची अलंकृति के लिवर ट्रांसप्लांटेशन हेतु लगभग 4 लाख व मऊ जनपद के 11 वर्षीय कुशाग्र के इलाज हेतु 6 लाख सोशल मीडिया के माध्यम से जुटाया।