वाराणसी(काशीवार्ता)। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में वैसे तो कई घोटाले चलते रहते हैं लेकिन विभागीय लोगों की मिलीभगत से एक ही सफाई कर्मचारी नाम बदलकर 2 जगहों से वेतन ले रहे हैं जिस पर किसी की भी नजर नहीं जा रही है। बताया जाता है कि नगर निगम में आउटसोर्सिंग और संविदा के कुल मिलाकर 3000 से अधिक कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। इनमें तो कई लोग एक ही परिवार से भी जुड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि इनमें से कई कर्मचारी अपना नाम पता बदल कर विभागीय कर्मचारियों की मदद से वेतनमान की स्लिप निकाल कर बैंकों से पैसा प्राप्त कर ले रहे हैं। जैसे अगर सिगरा वार्ड में रामलाल सुबह काम कर रहा है तो वही व्यक्ति सुबह 10 बजे के बाद रामनगर महापालिका में श्यामलाल के नाम से काम करने चला जाता है जबकि प्रत्येक वार्ड से कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह 6 बजे से 2 बजे तक की होती है। इनकी फोटोयुक्त लगने वाली हाजिरी में भी सुपरवाइजरो के स्तर से लंबा खेल चलता रहता है।
भ्रष्टाचार के सिस्टम में सभी जगह लेनदेन का सिस्टम तय है जो प्रतिमाह मिलने वाले वेतन के साथ ही कटता रहता है। आज स्थिति यह है कि जिम्मेदार कहे जाने वाले सेनेटरी इंस्पेक्टरों को कभी फुर्सत नहीं रहती कि वे वार्डों में जाकर कर्मचारियों की उपस्थिति का भौतिक सत्यापन करें। ऐसा इसलिए भी नहीं करते क्योंकि प्रतिमाह चलने वाले इस लाखों के
खेल में कहीं ना कहीं से वे भी शामिल रहते हैं।
फर्जी आधार कार्ड पर नाम बदल कर चल रहा है लंबा खेल