नियमित दिनचर्या और खानपान के चलते देश में तेजी से पांव पसार रही गठिया रोग के मरीजों की तादाद में पिछले एक दशक के दौरान अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुयी है।
चिकित्सकों के मुताबिक गठिया को लेकर जनजागरूकता की जरूरत है वरना अगले कुछ सालों में भारत इस रोग के मामले में चीन को पछाड़ कर दुनिया का नम्बर एक देश हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य पोर्टल के अनुसार पिछले एक दशक में गठिया रोगियों की तादाद साढ़े सात फीसदी से बढ़ कर 22 से 39 फीसदी के बीच हो चुकी है जो इस बीमारी को लेकर एक गंभीर खतरे का सूचक है। शेल्बी हॉस्पिटल समूह की रजत जयंती के मौके पर यहां आये ड प्रियांक गुप्ता ने बताया कि देश में 20 करोड़ से ज्यादा लोग गठिया से पीड़ित हैं जिनकी तादाद डायबिटीज,एड्स और कैंसर से भी कहीं ज्यादा है।
भारत में गठिया का प्रसार करीबन 22 से 39 प्रतिशत है हालांकि इसमें केवल 14 फीसदी लोग ही डॉक्टर की सलाह के लिए क्लीनिक पर जाते हैं। यह बीमारी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा आम है। घुटनों का गठिया महिलाओं में चलने फिरने में होने वाली तकलीफ का मुख्य कारण है।
पोर्टल के अनुसार 65 साल से ऊपर करीबन 45 फीसदी महिलायें इस रोग से पीड़ित हैं। एक सर्वे के अनुसार 2025 तक भारत गठिया के मरीजों की राजधानी बन जाएगा जो बहुत चिंताजनक है। बढ़ती उम्र प्रत्याशा, अनियमित जीवन शैली, शारीरिक श्रम का भाव, असंतुलित खानपान और तेजी से बढ़ता मोटापा इसके मुख्य कारकों में से एक है।