अहरौरा (मिर्जापुर)। बरसे बरसे रे सवनवा चूवेला बखरी यह सावनी गीत अब पुराना हो गया है अब तो तपे तपे रे सवनवा सूखेला धान की नर्सरी गीत देखने को मिल रहा है ।बारिश का लगभग डेढ़ माह चला गया लेकिन एक भी अच्छी बरसात नहीं हुई कि नदी-नाला में उफान आया हो और खेतों में मेड के उपर से पानी निकला हो।किसान ने हल्की बारिश होने पर धान की नर्सरी तो डाल दिया लेकिन अब बारिश न होने से नर्सरी सूख रही है।बता दें की मिजार्पुर जनपद में 40 प्रतिशत से भी कम बरसात पिछले डेढ़ माह में हुई है जिसके कारण भूमिगत जलस्तर में कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है। कुआं में पानी जितना नीचे जून में था उतना अब भी है।
अहरौरा क्षेत्र में स्थित जरगो जलाशय, अहरौरा जलाशय,डोगिया जलाशय में पानी नहीं है जिससे किसान चिंतित हैं और सूखे की आशंका से परेशान हैं। बता दें कि पिछले साल भी क्षेत्र सूखे की चपेट में था किसी तरह धान की फसल हो पाई थी और गेहूं की पैदावार बहुत कम थी। अहरौरा क्षेत्र के जमालपुर ब्लाक सहित पूरा चुनार तहसील का पूर्वी क्षेत्र धान का कटोरा के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन इस कटोरे में पानी की लगातार कमी एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से किसान चिंतित हैं।