मंच पर जीवंत हुआ श्री कृष्ण का विश्वरूप


वाराणसी(काशीवार्ता)। बनारस यूथ थिएटर एवं संस्कृति भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 45 दिवसीय अभिनय कार्यशाला की पूणार्हुति महाकवि भास प्रणीत संस्कृत रूपक ‘दूत-वाक्यम’ की प्रस्तुति के साथ आर्य महिला पीजी कॉलेज के प्रेक्षागृह में संपन्न हुई। नाटक में कृष्ण द्वारा दुर्योधन को युद्ध से पूर्व की चेतावनी, दुर्योधन का कृष्ण को बंदी बनाने का आदेश एवं तत्पश्चात श्री कृष्ण का विश्वरूप दिखाने के प्रसंग को दर्शाया गया। इस अवसर पर डॉ. उपेन्द्र विनायक सहस्रबुद्धे की लिखित पुस्तक “अथेति काशी” का लोकार्पण कॉलेज की प्राचार्या प्रो.रचना दूबे, पूजा दीक्षित, बोधगया मठ के व्यवस्थापक स्वामी अंकित के करकमलों द्वारा हुआ। अतिथि रूप में आयुष, खाद्य एवं औषधि मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र की उपस्थिति रही। साथ में बीएचयू से सेवानिवृत्त प्रोफेसर अरविंद जोशी भी विशिष्ट अतिथि रूप में उपस्थित रहे। देश के 5 राज्यों से कलाकार इस कार्यशाला में चयन किए गए थे। संचालन डॉ. उपेन्द्र विनायक सहस्रबुद्धे एवं धन्यवाद ज्ञापन दीनदयाल पाण्डेय ने किया।