व्यवस्था परिवर्तन को चंदौली से चुनाव लड़ेगी सलमा


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वाराणसी (काशीवार्ता)। वंचित समुदाय की आवाज को विधानसभा व लोकसभा में न उठाएं जाने को लेकर ट्रांसजेंडर सलमान उर्फ सलमा बहुत नाराज हैं। उनका कहना है हमारी बात दिल्ली तक कोई नहीं पहुंचाता। जिसकी वजह से हम पहले जहां थे आज भी वहीं हैं। यह सब देखते हुए मैंने 2024 में चंदौली से लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।
सलमा ने कहा, ट्रांसजेंडर समुदाय के लंबे संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से ट्रांसजेंडर ऐक्ट का रास्ता साफ हुआ, परंतु सरकार एवं शासन/ प्रशासन में बैठे लोग आज भी इस समुदाय को चहारदीवारी में कैद रखना चाहते हैं। मैं खुद वाराणसी जिले में ट्रांसजेंडर एक्ट कमेटी की सदस्य हूं, मगर पिछले कई सालों में इस कमेटी की एक भी बैठक में मुझे बुलाया नहीं गया। वहीं विधानसभा या लोकसभा में कभी ट्रांसजेंडर के विकास पर न तो चर्चा हुई और न उनके लिए बजट में कोई प्रावधान किया गया। ऐसे में जब तक हमारा समाज पढ़ लिख कर राजनीतिक भागीदारी नहीं करेगा, तब तक हम अपना मुकद्दर नहीं बदल पाएंगे।
एक सवाल के जवाब में सलमा ने कहा, सोनू किन्नर मुगलसराय से नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष हैं। हालांकि चुनाव में उसकी जीत को कोई पचा नहीं पा रहा था। वहां दो बार रिकाउंटिंग कराई गई। हर बार सोनू के वोट बढ़ते गए। मतगणना स्थल पर मुगलसराय की जनता हमारे समर्थन में नारे लगा रही थी और नेताओं को कोस रही थी। जनता ने वहां हमारा साथ दिया है इसलिए हमे बेहतर सड़क, नाली, सफाई, स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देना हैं। ट्रांसजेंडर/किन्नर समुदाय के राजनीतिक इतिहास पर चर्चा करते हुए सलमान ने बताया, देश की पहली मेयर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बनी। जिनका नाम आशा किन्नर है। मध्य प्रदेश से मेयर मधु किन्नर, मध्य प्रदेश के ही सागर जिले से कमला बुआ, चुनार से नगर पालिका अध्यक्ष रेखा और बुलंदशहर से बिजली किन्नर राजनीति में अपना परचम लहरा चुकी हैं। पूर्व में किसी पार्टी से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर सलमा ने कहा, समाजवादी पार्टी से एक बार प्रस्ताव आया था, परंतु हमने मना कर दिया। दरअसल, हम स्वतंत्र होकर जनता के विश्वास को जीतना चाहते हैं। हम लोकसभा में पहुंचकर न सिर्फ अपने समुदाय बल्कि अन्य सभी वंचित समुदायों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, मकान, बेहतर सुविधा व मान सम्मान के साथ जीने का अवसर दिलाना चाहते हैं। सलमा ने कहा, हमे आगे आना होगा। रोजी रोटी के लिए सिर्फ पारंपरिक गाना बजाना से काम नहीं चलेगा। शिक्षा, रोजगार, व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शेष पृष्ठ 5 पर

व्यवस्था परिवर्तन को…
हमे शासन/ प्रशासन में अपनी पहुंच बनाकर व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई लड़नी होगी। सलमा ने कहा, लोकसभा चुनाव में यदि किसी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में ट्रांसजेंडर के विकास की बात की तभी हम उनके टिकट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे। साथ ही सलमा ने कहा, ट्रांसजेंडर समुदाय अपने मान सम्मान के साथ ही समाज की सच्ची सेवा के लिए राजनीति में आए और आगामी लोकसभा चुनाव की हर सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर अपने जिंदा होने का सबूत दे।