कुश्ती संघ का चुनाव निष्पक्ष कराने को बुद्धिजीवी उतरे सड़क पर, पीएम कार्यालय पर सौंपा ज्ञापन


वाराणसी (काशीवार्ता)। एक और जहा देश आजादी के 76वे वर्षगांठ के जश्न में डूबा है, वहीं दूसरी तरफ देश के अंदर ही कुछ ऐसे देश विरोधी ताकते भी है जो लोकतंत्र व संविधान से इतर भीड़ तंत्र व डंडा तंत्र से अपनी बातें मनवाने की कोशिश में लगे है। विश्व की अति प्राचीन नगरी काशी जो धर्म व अध्यात्म के लिए जानी जाती है। पिछले 9 वर्षों से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से सांसद है। इन 9 वर्षों में इस शहर को बहुत कुछ मिला और विकास की ओर लगातार अग्रसर है। कई स्थानीय चेहरों को बड़ा सम्मान मिला लेकिन पिछले कुछ दिनों से काशी का एक लाल साजिश का शिकार है। उसे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर आसीन होने से रोकने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी संजय सिंह का जन्म शिक्षा दीक्षा सब काशी में हुआ। महामना की बगिया से डिग्री हासिल की। किसानी और कुश्ती के प्रति प्रेम ही उनकी पूंजी है। काशी में महिला कुश्ती को 2008 में जन्म देने वाले संजय सिंह इन दिनों अपने स्वभाव से इतर ऐसे साजिशकर्ताओं से लड़ रहे हैं, जो कुश्ती की कमान को अराजक तरीके से छीनना चाहते हैं। हालांकि खिलाड़ियों, बुद्धिजीवियों, चिकित्सकों, समाजसेवियों सहित तमाम लोगों ने इस कुत्सित प्रयास की निंदा की है। इसी को लेकर शुक्रवार को काशी के बुद्धिजीवियों का एक दल प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचा, जहां ज्ञापन सौंपकर एक स्वर मे भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव निष्पक्ष कराने की मांग की। डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व मेें डॉ. शिप्रा धर, डॉ. इंदू सिंह, डॉ. संदीप राय, अमर बहादुर सिंह, अवधेश कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह, संजय लालवानी, अतुल श्रीवास्तव, अतुल कुमार, डॉ. अनिल कुमार तिवारी, डॉ. एके सिंह डॉ. सफीउल्लाह अंसारी डॉ. बीपी सिंह, डॉ. पंकज कुमार सिंह, डॉ. अमितेश कुमार गिरी, डॉ. मयंक सिंह, डॉ. प्रणव कुमार, डॉ. विनीत, डॉ. एके पांडे, डॉ मोनिका सिंह, अमित कुमार पांडे, दीपक राय, कौशल राय, संतोष कुमार मिश्रा, अभिषेक सिंह गोलू, प्रवीण मिश्रा, अजय यादव, साहिल यादव, प्रशांत राय, रोशन सिंह, इन्दु भूषण राय, संतोष सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।