आड-ईवन में रेस्टोरेंट खोलना व्यवहारिक नहीं


वाराणसी(काशीवार्ता)। लगभग तीन दशक पूर्व बनारस को अमेरिकी बर्गर से परिचित कराने वाला मशहूर रेस्टोरेंट टेस्टी किंग (पूर्व नाम बर्गर किंग) खुल तो गया परंतु आॅड ईवन व्यवस्था के चलते रेस्टोरेंट चलाना अत्यंत दुष्कर साबित हो रहा है। क्योंकि रेस्टोरेंट का व्यवसाय कच्चे माल पर निर्भर रहता है। एक बार माल तैयार करने पर कई दिन तक काम चलता है। ऐसे में एक दिन छोड़कर स्टूडेंट खोलने से न सिर्फ निर्माण की बल्कि आपूर्ति की चेन भी टूट जा रही है। मिंट हाउस नदेसर पर टेस्टी किंग रेस्टूरेंट का बर्गर व सत्तू का पराठा खाने दूर-दूर से लोग आते हैं। अधिष्ठाता वीरेंद्र गुप्ता बताते हैं कि कारीगर के अभाव में रेस्टोरेंट का काम बुरी तरह प्रभावित है। लॉकडाउन-4 शुरू होने के लगभग 10 दिन बाद कम कारीगरों के साथ किसी तरह रेस्टोरेंट खोला गया। अभी सिर्फ होम डिलीवरी ही की जा रही है। बताया कि एक दिन छोड़कर रेस्टूरेंट खोलने से कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है इस पर तुर्रा यह कि शाम 5 बजे दुकान बंद करना पड़ जाता है। अभी सिर्फ हम बर्गर तैयार हो रहा है। जैसे-जैसे ही मांग बढ़ेगी वैसे-वैसे अन्य आइटम तैयार होंगे। बताया कि अगर दोनों तरफ की दुकानें एक साथ खुलती तो भीड़ बंट जाती। आॅड ईवन में दुकानें खोलने से भीड़ कम नहीं हो रही। शीघ्र ही इस संबंध में व्यापार मंडल के पदाधिकारी जिला प्रशासन से मिलकर समस्या से अवगत कराएंगे।