विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण को हाईकोर्ट की हरी झंडी


वाराणसी (काशीवार्ता)। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने विश्वनाथ कॉरिडोर के सीईओ व दो अन्य को बड़ी राहत देते हुये खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जस्टिस एस पी केसरवानी ने याचिकाकर्ता काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप श्रीवास्तव, बनारस बार के पूर्व महामंत्री विनोद शुक्ला,अधिवक्ता सुनील कुमार गुप्ता को जमकर लताड़ लगाई और काफी खरी खोटी सुनाते हुये पांच-पांच हजार रुपये काशी विश्वनाथ बोर्ड में बतौर हर्जाना एक महीने के अंदर जमा करने का आदेश भी दिया है। याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट मे अवमानना याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था विशाल सिंह ,सीईओ विश्वनाथ कॉरिडोर जनहित याचिका कोटिल्य सोसायटी बनाम स्टेट आफ यूपी में पारित आदेश दिनांक 27.05.2012 का जानबूझकर अवहेलना कर रही है जिसके अनुसार वाराणसी विकास प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करना था कि गंगा नदी के बाढ़ के उच्चतम बिन्दु से 200मीटर के भीतर कोई नया निर्माण नहीं होगा। याचिकाकर्ताओं का यह कहना था कि काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिंह ने एक टेन्डर जारी कर मंदिर के चारो तरफ निर्माण कराना चाहते हैं जो 200मीटर परिधि के भीतर है। विशाल सिंह व पी डब्ल्यूडी के दो अभियंताओं का पक्ष रखते हुये एडिशनल एडवोकेट जनरल एम सी चतुर्वेदी ,विनीत संकल्प और रवि पांडे ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग किया है,महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाया है और याचिका में गलत बाते कही गयी हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जमकर लताड़ लगायी। कहा कि याची को क्लीन हैन्ड से कोर्ट आना चाहियेऔर समस्त तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखना चाहिये अन्यथा वह अदालत को गुमराह करने का दोषी माना जायेगा। याची को पिक एण्ड चुज करने नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने माना कि याचिका दूषित मंशा के साथ,व्यापक जनहित और पवित्र उद्देश्य से किये जा रहे विकास कार्यो को रोकने के लिये दाखिल किया गया है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद विश्वनाथ कॉरिडोर की अंतिम बाधा भी दूर हो गयी है। कोर्ट मे विशाल सिंह और दोनों अभियंताओं का पक्ष विनीत संकल्प व रवि पांडेय ने रखा। वही बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानन्द राय ने हाइकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुये कहा है कि विश्वनाथ कॉरिडोर एक ऐतिहासिक कार्य हो रहा है, इसको रोकने का अंतिम प्रयास निष्फल हुआ। इस बात से पूरे काशी के ही नहीं बल्कि विश्व के सभी बाबा के भक्तों को खुशी है।