सैन्य कार्रवाई से ही चीन को सबक


(शशिधर इस्सर)
वाराणसी (काशीवार्ता)। सैन्य मामलों के चिंतक सैन्य राडार विशेषज्ञ व अलंकरण से विभूषित पूर्व कर्नल बीएन राय ने चीन से उपजे हालात पर टिप्पणी करते हुए काशीवार्ता से कहा कि इस समय पूरा देश गुस्से में है क्योंकि समझौता होने के पश्चात हमारी सैन्य टुकड़ी उसका परिपालन देखने जब गयी तो चीनी सैनिकों ने धोखा देते हुए उनकी हत्या कर दी। धोखा देना चीन की फितरत रही है और सन् 62 से लगातार वह यही करता आ रहा है। सन् 67 में भी उसने तिब्बत-चीन सीमा पर ऐसा करने की जुर्रत की थी पर भारतीय फौज ने उसकी हवा निकाल दी थी। धोखे से विस्तारवाद उसकी नीति रही है इसी का प्रयास वह हांगकांग, ताइवान व समुद्र पर भी करता रहा है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि चीनी राष्टÑपति ने कहा था कि बुरे दौर में ही इतिहास बनता है। इसीलिए कोरोना की आपदा के बीच उसने ध्यान बंटाने के लिए यह हिमाकत की है, लेकिन वह भूल गया कि यह सन् 62 का हिन्दुस्तान नहीं है और न ही चाइना अकेला विश्व की महाशक्ति है। कर्नल राय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारे पास माउन्टेन डिवीजन सहित फौज की विशिष्ट टुकड़िया हैं। हमें सैन्य कार्रवाई से मसले का हल निकालना होगा। हमें याद रखना होगा कि सैन्य कार्रवाई से ही टेबल पर वार्ता सफल होती है। इसका लाभ मिलता है। हमें आक्रामक होना होगा। चीन केवल गीदड़ भभकी दे रहा है।