आॅफिस के तनाव से ऐसे पायें निजात


आज बदलती जीवनशैली के कारण लगभग हर व्यक्ति की रोजमर्रा की दिनचर्या लगभग गड़बड़ है। इस कारण लोगों में आए दिन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पनप रही हैं। कार्यस्थल पर बढ़ता काम का दबाव खासकर युवाओं में तनाव की गंभीर समस्या को जन्म दे रहा है। कार्यस्थल पर लंबे समय तक कार्य करना, नाइट शिफ्ट में कार्य करना, तंग समय-सीमाएं और कार्यस्थल पर हमेशा बढ़ती मांगों के कारण व्यक्ति चिंतित और दबाव में महसूस करने लगता है। तनाव का स्तर एक सीमा से ज्यादा बढ़ जाने पर यह दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है।
आॅफिस के तनाव के सामान्य कारण- ीकार्य स्थल पर खेली जाने वाली राजनीति।
ीकर्मचारियों की कटौती के कारण अधिक समय कार्य करना।
ीबढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए दबाव, लेकिन नौकरी की संतुष्टि में कोई वृद्धि न होना।
ीहर समय सबसे अच्छे स्तर का काम करने का दबाव।
ीआप अपना काम कैसे करते हैं, इस पर नियंत्रण का अभाव।
ीजब काम आप पर हावी होने लगता है तो आपका आत्मविश्वास कम होने लगता है और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।
तनाव के कारण होने वाली समस्याएं- ीकार्यस्थल पर बढ़ते तनाव के कारण कार्यक्षमता में कमी आती है।
ीपर्याप्त आराम न मिलने के कारण चीजों को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता में गिरावट दिख सकती है।
ीकाम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन नहीं हो पाता। इस प्रकार परिवार के लिए समय न निकाल पाने के कारण भी व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तनाव का शिकार हो जाता है।
ीतनाव से बचने के लिए व्यक्ति अल्कोहल या स्मोकिंग का इस्तेमाल करने लगता है।
ीआॅफिस से घर के लिए लौटते समय लंबा सफर भी लोगों के लिए तनाव की स्थिति पैदा कर सकता है।
ीघर पर पहुंचने के बाद कुछ लोग रात के समय सोशल मीडिया पर घंटों व्यस्त रहते हैं यानी पूरी नींद नहीं ले पाते।
ऐसे पाएं तनाव से निजात- पर्याप्त नींद न लेने पर आपकी दिन की उत्पादकता, रचनात्मकता, समस्या को सुलझाने के कौशल और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आती है। अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश करें। रात में समय पर सोएं और सुबह सही समय पर उठें।
ीसोने से एक घंटे पहले टीवी, टैबलेट, स्मार्टफोन और कंप्यूटर बंद कर दें, क्योंकि इनसे उत्सर्जित प्रकाश आपके शरीर के मेलेटोनिन के उत्पादन को दबा देता है और आपकी नींद को बुरी तरह बाधित कर सकता है।
ीतनाव को कम करने के लिए आप अपने परिवार के साथ घूमने के लिए समय निकालें।
लें संतुलित आहार- काम के दौरान आप कैसा महसूस करते हैं, यह आपके द्वारा चयनित भोजन निर्धारित करता है। कम खाने, लगातार और पौष्टिक भोजन खाने से आपके शरीर को रक्त शर्करा का एक स्तर बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। दूसरी तरफ कम रक्त शर्करा के कारण आप चिंतित और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं, जबकि बहुत अधिक खाने से आपके अंदर सुस्ती आ सकती है।
अत्यधिक तनाव के संकेत- ीचिंतित, चिड़चिड़ा या उदास होना।
ीउदासीनता, काम में रुचि का कम होना।
ीध्यान केंद्रित करने में परेशानी।
ीमसल्स में तनाव या सिरदर्द।
ीपेट की समस्या।
ीसमाज से दूरी बनाना।
ीसेक्स क्षमता में गिरावट।
ीअल्कोहल या ड्रग्स का इस्तेमाल करना।
कैसे करें तनाव का प्रबंधन- कार्यस्थल पर तनाव का प्रबंधन करने के लिए अपने कार्य को तय समय-सीमा के अंदर निबटाने का प्रयास करें। प्राथमिकता के अनुसार कार्य करें। इससे न केवल तनाव कम होगा, बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़ जाएगी। कार्य की अधिकता से संबंधित तनाव के लिए अपने बॉस से बातचीत करें। इससे कार्य संबंधी तनाव को कम करने का समाधान हो सकता है।
एरोबिक व्यायाम- यह हृदय की रफ्तार को सुधारता है और आपके शरीर में पसीना बनाता है। अपनी मनोदशा का स्तर उठाने, ऊर्जा बढ़ाने, काम के प्रति फोकस बढ़ाने और मन और शरीर दोनों को आराम देने का एक कारगर तरीका है यह।
डांस करें- रिदमिक मूवमेंट जैसे घूमना, चलना, नृत्य करना, ड्रमिंग आदि विशेष रूप से तंत्रिका-तंत्र के लिए सुखदायक हैं। तनाव से अधिकतम राहत के लिए अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट की एक्टिविटी करने का प्रयास करें।
थोड़ा बाहर टहल लें- यदि कार्यस्थल पर तनाव ज्यादा हो रहा है तो काम के दौरान बीच में कुछ समय का बे्रक लें और यदि संभव हो तो कार्यस्थल के बाहर टहलने जाएं। शारीरिक गतिविधियां आपको फिर से ऊर्जा हासिल करने में मदद करेंगी।