बाढ़ का खतरा भांप बचाव में जुट गये तटवासी


वाराणसी(काशीवार्ता)। मंथर गति से बढ़ रही गंगा का रूप देख तटवासी अब सुरक्षित स्थान की तलाश में ऊंचे इलाकों की ओर जाने लगे हैं। हालांकि अभी गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से लगभग 10 मीटर नीचे चल रहा लेकिन पानी की चाल आने वाले खतरे का संकेत देने लगा है। इसी खतरे को भांपते हुए अस्सी, दशाश्वमेघ , आरपी घाट , राजघाट, समेत गंगा के 86 घाटों पर लोग अभी से सतर्कता बरतने लगे हैं। गंगा किनारे कई स्थानों पर नीचे लगी चौकियों को आज पंडा समाज ने उठाकर ऊंचे स्थानों पर स्थापित किया। इसी तरह गंगा की सीढ़ियों पर दुकान लगाने वाले दुकानदार भी बन्द दुकानों को खोल जरूरी सामान हटाते दिखे। घाट किनारे नीचे की ओर बने सैकड़ों छोटे मंदिर भी अब जलमग्न होने लगे है। केंद्रीय जल आयोग ने आज सुबह 8 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 60.7 मीटर रिकार्ड किया। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 77.78 मीटर रहा तो बलिया में 52. 36 मीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया। गाजीपुर में गंगा का जलस्तर 54.63 मीटर रहा तो मिजार्पुर में 65.46 मीटर जल स्तर रिकार्ड हुआ। गंगा के साथ वरूणा नदी भी अब उफान मार रही है। वरूणा नदी में पानी बढ़ने के साथ कई स्थानों पर जलकुम्भी भी बहा कर साथ लाई है। वरूणा किनारे तलहटी से चन्द कदम दूर बाढ़ प्रभावित इलाके में घुसकर अनाधिकृत भवन बनाने वालों की धुकधुकी भी बढ़ रही है।