अखिलेश, माया समेत समूचे विपक्ष ने विकास मुठभेड़ पर


नई दिल्ली। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस ने शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मार गिराया है। नौ जुलाई को मध्यप्रदेश स्थित उज्जैन के महाकाल शिवमंदिर परिसर से उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे यूपी एसटीएफ की टीम को सौंपा गया जो उसे कानपुर लेकर जा रही थी। रास्ते में गाड़ी पलट गई और दुबे ने भागने की कोशिश की और पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया। अब इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, प्रियंका गांधी वाड्रा और दिग्विजय सिंह ने इस पर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने पर कहा, ‘दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत के बाद कहा, ‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?’
ठोक दो राज में अदालत की जरूरत नहीं: राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत को लेकर कहा, ‘विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायधीशों को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में अदालतों की जरूरत ही नहीं है।’
निष्पक्ष जांच होनी चाहिए : मायावती

नई दिल्ली। मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ‘ कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके।उठाए सवाल