साहब! वायरस से लड़ने को कब होंगे अतिरिक्त इंतजाम?


(डा. लोकनाथ पांडेय)
वाराणसी। हाल के दिनों में जिस रफ्तार से चाइनीज वायरस कोरोना के मरीज काशी में मिले हैं उससे आम लोग भयभीत हो उठे हैं। लोग पूछ रहे साहब अस्पतालों के बेड भी फुल हो रहे ,आखिरअतिरिक्त इंतजाम कब शुरू होंगे ? बीते जनवरी में इस महामारी की आहट जब शुरू हुई थी तब लोगों ने इसे हल्के में ले लिया था। इसका नतीजा रहा कि पूरे विश्व में कोरोना कहर बन कर टूट पड़ा व अनगिनत मौतें भी हुई। आज भी यह विकराल राक्षस की तरह मानो समूचे विश्व को ही निगल जाना
चाहता है। अमेरिका ब्रिटेन, समेत दुनियां के 200 से अधिक देशों में कोरोना से तबाही का आलम है। बेशक भारत सरकार के साथ यूपी सरकार ने समय पर कई बड़े कदम उठाये व आज भी सरकारी मशीनरी पूरी शिद्दत से लगी है, वर्ना स्थिति और बदतर होती। भारत में फिलहाल लगभग पौने नौ लाख केस होने के बावजूद रिकवरी रेट ज्यादा होने से थोड़ी राहत जरूर है। प्रधान मंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में रोज काफी संख्या में मरीज बढ़ने लगे हैं। कल 60 मरीजों के मिलने से यहां कोरोना का बड़ा विस्फोट भी हो गया। आने वाले दिनों में भी इसी तरह ग्राफ बढ़ा तो चन्द दिनों में ही वर्तमान कोविड अस्पतालों के बेड भी कम पड़ जायेंगे। ऐसे में मुम्बई जैसे बड़े शहरों की तर्ज पर यहां भी बिल्डरों की खाली पड़ी तमाम बहुमंजिली इमारतों, सुविधा युक्त धर्मशाला, व अन्य प्रतिष्ठानों को अधिगहीत कर तत्काल मेडिकल सुविधाओं को जुटाने की पहल शुरू हो जानी चाहिए। अतिरिक्त इंतजाम यदि तुरन्त शुरू भी हुआ तो कुशल 1 स्वास्थ्य कर्मी मेडिकल सुविधाएं व जरूरी संशोधन दुरुस्त करने में भी लगभग एक माह से कम का वक्त नहीं लगेगा।
धारावी की तर्ज पर चले काशी में अभियान
कल काशी में 60 कोरोना पाजिटिव मिले तो आज सुबह ही 20 पाजिटिव मिल चुके है। बढ़ता ग्राफ आगे स्थिति भयावह होने का संकेत भी है। आजकल मुम्बई में भले ज्यादा मरीज हो गये लेकिन एशिया के सबसे बड़े झुग्गी झोपड़ी धारावी में जिस तरह कोरोना नियंत्रण हुआ वह काबिले तारीफ रहा। उसको विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है। जरूरत है काशी में ऐसे ही अभियान चलाकर चाइनीज संक्रमण को नियंत्रित करने की।
आम आदमी संग वीआईपी भी संक्रमित
महामारी कभी जाति, धर्म सम्प्रदाय अथवा व्यक्ति विशेष को देखकर नहीं आती। कोरोना ने भी सबपर समान रूप से हमला किया है। उधर बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, समेत कई मंत्री भी वायरस की चपेट में आये तो काशी में भी चाइनीज वायरस ने खूब तांडव किया है। यहां अधिकारी ,पुलिस व स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित हुए तो 27 मौत भी हुई है। जिसमें एक रिटायर्ड पीसीएस भी रहे। हाल ही में अजगरा के विधायक समेत कई नेता पाजिटिव हुए तो छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कक्कू की मौत व्यवस्था पर प्रश्न उठा गई। आगे न जाने अभी कितनों की बारी आएगी। अब तो बीएचयू, जिला व मंडलीय अस्पताल के बाद डीरेका अस्पताल में भी मरीज तेजी से बढ़ रहे है।छावनी के अस्पताल में भी व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश जारी हो गए। बढ़ते मरीजों का ग्राफ कह रहा चन्द दिनों में पाजिटिव मरीज इसे भी फुल कर देंगे। इसके बाद आगे अतिरिक्त पहल करनी ही होगी। अब तक 17.93 लाख प्रवासी श्रमिकों का सर्वे हो चुका है। मुख्य मंत्री के निर्देश पर जिले में पहले की अपेक्षा कोविड जांच का दायरा भी बढ़ चुका है ऐसे में नए विकल्प को शीघ्र तलाशना जरूरी नहीं अनिवार्य है।
जुलाई में बढ़ी मरीजों की तादात
समूचे भारत में पहले एक मरीज के पाजिटिव मिलने पर लोग डर जा रहे थे। आजकल तो अकेले काशी में ही 5 दर्जन पाजिटिव मरीज मिल रहे हंै। समूचे भारत में पहले हजार मरीज आते थे। तब लोगों ने सोचा आगे वायरस कमजोर हो जायेगा। भीषण तपन वाली गर्मी भी चली गई लेकिन वायरस नहीं गया। बीते 5 जुलाई से भारत के मरीजों की संख्या बढ़कर 24 हजार के पार चली गई तो उसी दिन से रोज आंकड़ा बढ़ता ही चला गया। अब तो यह ग्राफ 30 हजार पर भी पहुंचने वाला है। यूपी में अनलॉक-1 के 22 वें दिन तक सूबे के 58 जिले संक्रमण की चपेट में रहे लेकिन अब सभी जिलों में रोज नए नए मरीज मिल रहे है। पूर्वान्चल में स्थिति और भी गम्भीर होती दिख रही। ऐसे में सभी जिलों को सचेत रहना होगा।