क्वारंटीन सेंटर बना पायलट खेमे का रिजॉर्ट


जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि उनके लिए मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाने के बाद राज्य कांग्रेस में स्पष्ट विभाजन दिखाई दे रहा है। वहीं स्पीकर के नोटिस के खिलाफ बागी विधायक अदालत का रुख कर सकते हैं। फिलहाल नोटिस को लेकर कानूनी सलाह ली जा रही है। सरकार का भविष्य जो भी हो लेकिन पार्टी नेताओं का मानना है कि यह काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है। फिलहाल कांग्रेस कैंप इस बात से संतुष्ट है कि गहलोत बागियों को लेकर अपने मध्यप्रदेश और कर्नाटक के समकक्षों से बेहतर जानकारी रखते हैं। कुछ का मानना है कि उन्होंने पिछले महीने इसे लेकर जो चेतावनी दी थी वह सही थी। दिल्ली के करीब हरियाणा के मानेसर में राजस्थान के बागी कांग्रेस नेता सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक जिस रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं, दावा किया जा रहा है कि वो क्वारंटीन सेंटर है। इस रातोंरात हुए परिवर्तन ने सभी का ध्यान खींचा है क्योंकि कांग्रेस ने आज उन्हें चुनौती देते हुए भाजपा की हरियाणा सरकार के सुरक्षा कवच से बाहर आकर जयपुर वापस लौटने को कहा है। बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट के बाहर क्वारंटीन सेंटर का साइन लगा दिया गया है। किसी भी आंगतुक को अंदर आने की इजाजत नहीं है। गेट पर मौजूद गार्ड का कहना है कि अंदर कोविड-19 के मरीज हैं। राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस के बागी विधायक स्पीकर के नोटिस के खिलाफ अदालत जा सकते हैं। फिलहाल यह तय नहीं है कि वे उच्च न्यायालय जाएंगे या फिर उच्चतम न्यायालय। हालांकि खबरें आ रही हैं कि नोटिस को लेकर कानूनी सलाह ली जा रही है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित कांग्रेस को 19 विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा था।
रमेश मीणा ने कांग्रेस पर लगाया आरोप- गहलोत सरकार ने आरोप लगाए थे कि भाजपा उनके विधायकों को अपनी तरफ करने के लिए 20 करोड़ रुपये का आॅफर दे रही है। अब इसे लेकर पूर्व मंत्री और बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में आने वाले रमेश मीणा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, आज वे कहते हैं कि करोड़ों रुपये के लेन-देन की बातें हो रही हैं।