पॉलीथिन का धड़ल्ले से प्रयोग, प्रशासन बेखबर


वाराणसी (काशीवार्ता)। पर्यावरण व मानव जीवन के लिए बड़ा खतरा बन चुकी पॉलीथिन पर प्रतिबंध का पीएम मोदी की बात का भी असर नहीं हुआ। सख्त लहजे के बाद भी प्रशासनिक मशीनरी सजग नहीं हो सकी जिसके फलस्वरूप जिले में पालीथिन की बिक्री खुलेआम हो रही है और जिला प्रशासन कभी-कभी अभियान चलाकर निदेर्शों की खानापूर्ति कर लेता है। सरकार ने खतरे से जन-जीवन को बचाने के लिए 2 अक्टूबर 2018 से सिंगल यूज प्लास्टिक को बंद करने का निर्णय लेते हुए अध्यादेश जारी किया था। जिसमे स्पष्ट था कि ऐसे किसी भी प्लास्टिक को इस्तेमाल में नहीं लाया जायेगा जिसे एक बार इस्तेमाल कर कचरे में फेंक दिया जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक में खाद्य सामग्री नहीं बेची जा सकेगी। बावजूद इसके पीएम के संसदीय क्षेत्र में सिंगल यूज पालीथिन के थैले का खुलेआम प्रयोग हो रहा है।
कोरोना काल में खूब फला धंधा- कोरोना काल में सिंगल यूज पॉलीथिन के गोला दीनानाथ में माहेश्वरी प्लास्टिक के व्यापारी का धंधा खूब जोर-शोर से चलता रहा और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जबकि इनकी कारगुजारियों का वीडियो वायरल भी हुआ। वीडियो वायरल होने के बाद नगर आयुक्त के निर्देश पर 10 जुलाई को जालपा स्थित एक पालीथिन व्यापारी के गोदाम पर छापा मारकर इतिश्री कर ली गई।
बिल बाउचर के बिना हो रहा धंधा, राजस्व की हो रही हानि- वायरल वीडियो में माहेश्वरी पालीथिन के व्यापारी ग्राहक से बिल बाउचर के बिना माल सप्लाई की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट से माल भेजने में बिल काटना पड़ेगा इसलिए आप अपने साधन से ले जाइये। इनकी एक फर्म रंगोली प्लास्टिक के नाम से चौक थानाक्षेत्र के काशीपुरा में भी है जहां फुटकर व्यापारियों को माल दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो व्यापारी द्वारा लगभग 20 वर्षों से पालीथिन का व्यापार किया जा रहा है और इनके द्वारा बिल बाउचर के बिना माल बेचने से सरकार को प्रतिवर्ष लाखों रुपये के राजस्व की भी हानि होती है।
पॉलीथिन बेचने पर है पूर्ण पाबंदी
प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, कप, प्लेट, फूड पैकेजिंग में काम आने वाले प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर सहित अन्य प्लास्टिक जिसे एक बार इस्तेमाल के बाद कचरे में फेंक दिया जाता हो। सरकार के अपने ही आदेश में कमियों के चलते आज भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ ही छोटे दुकानदार भी कर रहे हैं। सरकार ने पॉलीथिन, कप, प्लेट को तो बंद कर दिया लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियों से निकलने वाले पैक्ड खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी है और इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। जबकि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने 15 जुलाई 2018 से प्रदेश में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे। आदेश में पॉलिथीन बनाने से लेकर बेचने व स्टोर करने पर प्रतिबंध के साथ ही प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन के सभी तरह के कैरीबैग के इस्तेमाल पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना या छह माह तक की सजा का प्राविधान था।