संगीतज्ञों की याद में बने पार्क में बिक रहा बालू व गिट्टी


वाराणसी (काशीवार्ता)। बनारस के संगीत घराने की शोहरत दूर-दूर तक है। कबीरचौरा मुहल्ले की तंग गलियों में कहीं घुंघरु की झंकार तो कहीं तबले की थाप सुनाई देती है। इस मुहल्ले ने हिन्दुस्तानी संगीत को एक से बढ़कर एक नगीने दिये हैं। पं. बिरजू महाराज, पं. कण्ठे महाराज, गिरजा देवी, सितारा देवी, गोदई महाराज, किशन महाराज, राजन-साजन मिश्र सहित अनेक नामी संगीत साधकों की तपोभूमि इसी कबीरचौरा मुहल्ले में हैं।
रामकटोरा मुहल्ला जहां खत्म होता है, कबीरचौरा मुहल्ला वहीं से शुरु होता है। वहां पर प्रसिद्ध तबला वादक पं. कण्ठे महाराज की स्मृति में एक शिलापट्ट भी लगा है। जिसपर लिखा है पं. कण्ठे महाराज मार्ग। इन्हीं महान संगीतज्ञों की याद में रामकटोरा पार्क का कुछ साल पूर्व जीर्णोद्वार कराया गया था। पार्क का सुन्दरीकरण कराने के पश्चात एक शिलापट्ट पर सारे संगीतज्ञों का नाम अंकित किया गया था। इसके अलावा चारों तरफ लोहे की रेलिंग भी लगायी गयी थी। पार्क में ही शुद्ध पेयजल के लिए हृदय योजना के तहत आरओ प्लांट भी लगाया गया। दुर्भाग्य देखिए कि लाखों की लगात से बने पार्क में उद्घाटन के बाद कोई सरकारी मुलाजिम सुधि लेने नहीं आया। परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे दबंगों ने पार्क पर कब्जा करना शुरु किया। र्इंट, बालू, गिट्टी आदि की दुकानें खोल दीं। आरओ प्लांट की टोटियां गायब हो गयीं तथा प्लांट बंद हो गया। जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स के पैसे से निर्मित इस पार्क में आज अघोषित रुप से दबंगों का साम्राज्य कायम है। ऐसा नहीं है कि पार्क पर कब्जे की जानकारी जिला प्रशासन व नगर निगम को नहीं है परन्तु भ्रष्ट निगमकर्मियों की मुट्ठी गरम करके धंधा बदस्तूर चल रहा है। ज्ञात हो कि बनारस संगीत घराना इन दिनों प्रसिद्ध तबला वादक गुदई महाराज की सौंवी जयंती मना रहा है। महान संगीतज्ञ को श्रद्धांजलि स्वरुप अगर नगर निगम कुछ कर सकता है तो इतना कर दे कि दबंगों के कब्जे से पार्क को मुक्त करा दें।