वैक्सीन ट्रायल के लिए मिले 1000 वॉलेंटियर


नई दिल्ली। एम्स में कोरोना वायरस की वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू किया जाना है। शनिवार को अस्पताल ने एक नंबर जारी कर लोगों से इसमें भाग लेने की अपील की थी। इसके बाद बीते 24 घंटे में वैक्सीन के परीक्षण में शामिल होने के लिए एक हजार से अधिक लोगों ने इच्छा जाहिर की है। एम्स में कोविड वैक्सीन प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर डॉक्टर संजय ने कहा कि वालंटियर बनने के लिए जारी किए गए नंबर पर लगातार कॉल आ रहे हैं। पहले चरण के परीक्षण के लिए सिर्फ 100 लोगों की जरूरत है, लेकिन अब तक एक हजार से ज्यादा लोग संपर्क कर चुके हैं। अस्पताल में जल्द ही परीक्षण शुरू किया जाएगा। लंबे समय बाद एम्स, दिल्ली ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के परीक्षण की अनुमति दे दी है। एम्स की एथिक्स कमेटी ने दस्तावेज की कमी के चलते अब तक इसे मंजूरी नहीं दी थी, लेकिन शनिवार को हुई बैठक में कंपनी की ओर से दोबारा दाखिल दस्तावेज की समीक्षा के बाद कमेटी ने परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है। अब दिल्ली एम्स में पहले फेज के दौरान 100 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा। दरअसल, कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक कंपनी ने हैदराबाद स्थित जीनोम वैली की अत्याधुनिक लैब में एक इनएक्टिव वायरस पर अध्ययन के बाद कोवैक्सीन को तैयार किया है। इस पर फिलहाल देश के 12 अस्पतालों में फेज एक और दो का एकसाथ परीक्षण होना है। 1120 लोगों पर होने वाले इस परीक्षण का सबसे बड़ा और अहम भाग दिल्ली एम्स में होने वाला है। सोमवार से यहां वालंटियरों के पंजीयन शुरू होंगे। करीब 200 लोगों को एम्स में वैक्सीन की डोज दी जाएगी। भारत सरकार के डीबीटी मंत्रालय की सचिव रेणु स्वरूप का कहना है कि एक वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के परीक्षण में कम से कम 60 दिन का वक्त लगता है। यह एक प्रोटोकॉल पूरी दुनिया में पहले से तय है। हालांकि इसके बाद भी परीक्षण के परिणाम इत्यादि के अध्ययन में भी समय लगता है।