वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सेंट्रल हाल सभागार में रविवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान वाराणसी मण्डल के जनपदों में कोविड वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं इससे बचाव के साथ ही कोविड मरीजों के इलाज के लिये किये जा रहे कार्यो की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वाराणसी मंडल में कोविड का अच्छा कार्य हुआ है, इसे और अच्छा करना हैं। बीएचयू व जिला प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से कार्य कर पूर्वांचल सहित अन्य प्रदेशों बिहार आदि को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा दे सकता हैं।
बीएचयू एल 3 लेवल के बेड में विस्तार व नान कोविड ओपीडी संचालित करें। सीनियर डॉक्टर भी कोविड मरीजों का विजिट करे। आरटीपीसीआर के टेस्ट बढ़ाने पर मुख्यमंत्री ने बल दिया। कहा बीएचयू को राज्य सरकार से जो सहयोग चाहिए, वह मिलेगा। बीएचयू ऐसा कार्य करे कि वह दूसरों के लिये अनुकरणीय हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में स्वच्छता पहला मानक हो। अस्पताल में बेडशीट बदलने, समय पर खाना, डॉक्टर का राउंड, शौचालय साफ़, समय से दवाई, ऑक्सीजन चेकअप आदि कार्य हो। मरीज के लिए प्रतिदिन 100 रुपये खाने का तथा डॉक्टरों के क्वारंटाइन में रहने के लिए 500 रुपये प्रतिदिन उनके खाने आदि पर व्यय का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि कोविड अस्पतालो में एक सामूहिक स्थान चयन कर वहां टीवी लगवाएं, ताकि मरीज न्यूज़ आदि देख सकें। इसके साथ ही उन्होंने कोविड अस्पतालों में न्यूज़पेपर भी रखवाये जाने का निर्देश दिया। इससे सकारात्मक उर्जा बढ़ेगी। मरीजों में विश्वास बढ़ेगा और इससे मरीजों को ठीक होने की दर भी बड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कांटेक्ट ट्रेसिंग व डोर टू डोर सर्वे पर विशेष जोर देते हुए इसे सफलता से चलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सही सर्विलांस से इंसेफ्लाइट जैसी घातक बीमारी में 90 फ़ीसदी कमी आयी हैं। जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस में 1300 से 1500 के बीच मौतें होती थी, वही अब मात्र 120 से 130 मृत्यु होती है। 5 से 15 जुलाई के दौरान डोर टू डोर सर्वे में जिन लोगों को चिन्हित किया गया है उन सभी का तत्काल सेम्प्लीग करा लिया जाए।